गजेंद्र भंडारी
राजस्थान में हाल में ७ पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी, जिसके लिए साढ़े ९ लाख लोगों ने आवेदन किया है। इससे राज्य ही नहीं, देश में बढ़ती बेरोजगारी का आलम पता चलता है। इससे पहले एसआई की भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी, जिसकी वजह से युवा पहले से ही नाराज हैं। इस नाराजगी का खामियाजा आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को झेलना पड़ सकता है। कई जगहों पर युवा भाजपा से कन्नी काट रहे हैं। इसके अलावा सरकार से सोशल मीडिया पर भी बेरोजगारी का जवाब मांगा जा रहा है। दूसरी तरफ, कांग्रेस भी युवाओं को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में जुटी है और इसके लिए सचिन पायलट जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि वैâसे युवा बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा को नकारते हैं और सत्ताविहीन करते हैं।
योगेंद्र यादव की अपील
किसान आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजस्थान के अमराराम चुनाव मैदान में हैं। उनके लिए योगेंद्र यादव ने जनता से अपील की है। उन्होंने कहा है कि अमराराम ने राजस्थान में किसान आंदोलन का मोर्चा संभाला था इसलिए उन्हें जिताकर संसद में भेजें, ताकि वह किसानों की आवाज को बुलंद कर सकें। अमराराम ऑल इंडिया किसान सभा से जुड़े हैं और कम्युनिस्ट पार्टी से हैं। लंबे समय से आंदोलन करते आ रहे हैं और किसानों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं। वे राजस्थान से विधायक भी रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव में खड़े हैं। योगेंद्र यादव उनके पक्ष में हैं और जनता से अपील कर रहे हैं कि उन्हें जिताया जाए।
कुमावत समाज का फैसला
कुमावत समाज के जोराराम कुमावत ने कहा है कि वे भाजपा के साथ घूमेंगे, लेकिन वोट किसे देना है, यह समाज ने पहले ही तय कर लिया है और अब सिर्फ २६ अप्रैल को वोट डालना ही बाकी है। इससे साफ होता है कि यह समाज भाजपा के विरोध में खड़ा हो गया है। यह बात जोराराम ने कही ही नहीं, बल्कि भाजपा के ही एक कार्यक्रम के मंच से कही है। राजस्थान में कुमावत समाज की बड़ी संख्या है और ये लोग चुनाव को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं। हालांकि, भाजपा को भरोसा है कि समाज के वोट उनको ही मिलेंगे, लेकिन समाज ने अगर फैसला कर लिया है तो भाजपा उम्मीदवार के लिए थोड़ी मुश्किल भी हो सकती है। समाज ने ऐसा फैसला क्यों किया, फिलहाल यह साफ नहीं है, लेकिन कुमावत समाज की ही तरह और भी कम्युनिटी हैं, जो भाजपा का साथ छोड़ने की बात कह रही हैं। इनमें आदिवासी समाज भी शामिल है। समाज ने भी दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों का साथ देने का पैâसला किया है।