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राजस्थान का रण : पायलट की लोकप्रियता

गजेंद्र भंडारी

इन दिनों राजस्थान की पॉलिटिक्स में सचिन पायलट खूब छाए हुए हैं। खासकर, सोशल मीडिया पर पायलट के ही चर्चे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही जमीनी स्तर पर काम कर रहे हों, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी ज्यादा चर्चा नहीं है। जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार गई है, तभी से पायलट खूब एक्टिव हैं। राजनीति की समझ रखने वालों का ऐसा मानना है कि पायलट आने वाले समय में राजस्थान कांग्रेस के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। कल तक जिन पायलट की पार्टी छोड़ने की खबरें आ रही थीं, आज वही पायलट कांग्रेस के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। हालांकि, उनकी मेहनत क्या रंग लाएगी, यह तो लोकसभा परिणाम आने पर पता चल ही जाएगा। हालांकि, जिस तरह से वह काम कर रहे हैं, खासकर युवाओं के बीच, उससे लगता है कि वह राज्य में पार्टी का चेहरा बदल सकते हैं।
अपने-अपने दावे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के सचिन पायलट तक, सभी अपनी-अपनी पार्टियों के लिए राजस्थान की २५ सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि राजस्थान की जनता भाजपा को २५ सीटें देकर ४०० पार का सपना पूरा करेगी। वहीं, अमित शाह भी इसी तरह का दम भर रहे हैं। हालांकि, राज्य की जनता के दिल में क्या है, यह कोई नहीं जानता। इस बार का लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि पिछले २ चुनावों की तरह इस दफा कोई भी, कुछ खुलकर नहीं बोल रहा है। इस बार मतदाता शांत है। कह नहीं सकते हैं कि इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा। कह नहीं सकते कि जनता किसे, कितनी सीट देकर केंद्र की सत्ता में बैठाएगी। यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि जनता ने क्या तय किया है।
गांव-गांव में इलेक्टोरल बॉन्ड की बात
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ बुजुर्ग इलेक्टोरल बॉन्ड पर बात कर रहे हैं। एक व्यक्ति उनसे सवाल पूछता है और बुजुर्ग कह रहे हैं कि मोदी जी ने चोरों से पैसा लिया है और भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कर लिया है। यह वीडियो उस वक्त जारी हुआ है, जब चुनाव प्रचार के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह राजस्थान के दौरे पर थे। यह एक गांव का वीडियो है। इससे एक बात तो साफ होती है कि सोशल मीडिय के जमाने में कुछ भी छुपा नहीं रह सकता है। गांव-गांव तक अब इंटरनेट और सोशल मीडिया की पहुंच है, इसलिए जनता तक हर छोटी से छोटी जानकारी पहुंच जाती है। खैर, देखने वाली बात यह होगी कि इलेक्टोरल बॉन्ड का वोट पर क्या असर होता है और इस मसले पर सरकार को फायदा होगा या नुकसान। वैसे, इस मामले में सरकार सफाई दे रही है तो विपक्ष वाले सरकार को घेरने में लगे हैं। अब देखना है कि जनता किसकी बात पर यकीन करती है।

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