मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : क्षत्रिय समाज के नाम पर राजनीति

राजस्थान का रण : क्षत्रिय समाज के नाम पर राजनीति

गजेंद्र भंडारी

हाल में करणी सेना के प्रमुख राज शेखावत की गिरफ्तारी के बाद से क्षत्रिय समाज उग्र हो गया है और भाजपा के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहा है। अब दूसरे राजनीतिक दल भी इस नाराजगी का फायदा उठा रहे हैं और क्षत्रिय समाज के साथ खड़े हो गए हैं। उत्तर के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि भाजपा के विरोध में राजपूत समाज की नाराजगी का यह महा जनसैलाब बता रहा है कि चाहे गुजरात हो। राजस्थान, हरियाणा या उत्तर प्रदेश हर जगह क्षत्रिय, राजपूत, ठाकुर समाज अपने मान-सम्मान के लिए उठ खड़ा हुआ है। भाजपा को यह अधिकार कभी नहीं है कि वह किसी समाज का अपमान करे। भाजपा याद रखे, जिन्होंने उन्हें सत्ता दी है, वही उन्हें सत्ता से बाहर करने की सौगंध लेकर बुरी तरह पराजित करेंगे। यह समाज जो वचन लेता है, उससे बिल्कुल फिरता नहीं। मतदाताओं को अपना राजनीतिक बंधुआ मानने की भूल, भाजपा के पतन का कारण बनेगी। क्या वाकई क्षत्रिय समाज इतना नाराज और एकजुट है कि भाजपा को इससे नुकसान हो सकता है? वैसे, राजस्थान में इन दिनों भाजपा के खिलाफ समाज काफी उग्र हो गया है और लगातार गुस्सा जाहिर कर रहा है।

गाना गाकर मोदी से कुर्सी छोड़ने की अपील
राजस्थान की पूरी २५ सीटें जीतने का दावा भाजपा कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित गृहमंत्री अमित शाह तक राजस्थान में कई सभाएं कर चुके हैं। हालांकि, महिलाएं मोदी के खिलाफ अलग ही माहौल बना रही हैं। एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं खेत में खड़ी हैं और गीत गाकर मोदी से कुर्सी छोड़ने की अपील कर रही हैं। राजस्थान के गांव ढाणी का यह वीडियो बताया जा रहा है, जिसमें महिलाएं गा रही हैं, `कुर्सी छोड़ दे मोदी रे तेरे बस की कोणि रे कुर्सी छोड़ दे।’ इसका हिंदी में अर्थ है कि मोदी कुर्सी छोड़ दो, यह तुम्हारे वश का नहीं है, कुर्सी छोड़ दो। राजस्थान की एक सांस्कृतिक विरासत रही है और यहां किसी को बुरा-भला भी कहना है तो हंसकर या फिर सम्मानजनक तरीके से कहा जाता है। शायद यही कारण है कि मोदी को प्यार से गाने गाकर कुर्सी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।

मायावती ने देखा उम्मीद से बड़ा सपना
राजस्थान में बसपा के दो विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए। इस पर बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो यह दल बदल की राजनीति के लिए सख्त कानून बनाएंगे। इसके बाद से मायावती का मजाक उड़ाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी उम्मीद से ज्यादा बड़ा सपना देख लिया है, जो कभी पूरा नहीं हो सकता। लोग कह रहे हैं कि मायावती की पार्टी की अब वह हैसियत नहीं रह गई है कि सरकार बना सके या किसी की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका अदा कर सके। अब न तो उत्तर प्रदेश में पार्टी का जनाधार बचा है और न ही केंद्र में ही ज्यादा सांसद हैं। ऐसे में, मायावती का बयान मजाक के तौर पर ही देखा जा रहा है।

अन्य समाचार