गजेंद्र भंडारी
२०१४ में जब भाजपा सरकार बनी, उससे पहले चुनाव प्रचार में महंगाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था। इसी के बूते भाजपा सत्ता में आई। हालांकि, भ्रष्टाचार को भी भाजपा ने अपने मुद्दों में शामिल किया था। अब यही बात कांग्रेस कर रही है। राजस्थान के जालौर में प्रियंका गांधी ने सभा की थी, इसमें उन्होंने कहा कि जब मेरी बहनें सिलिंडर नहीं भरवा पा रही थीं, तब मोदी जी कहां थे? प्रियंका ने महंगाई के मुद्दे पर भाजपा को खूब घेरा। उन्होंने कहा कि सिलिंडर १,१०० रुपए का हो गया है और पेट्रोल-डीजल भी महंगे हो चुके हैं। ऐसे में, लोगों को बहुत मुश्किल हो रही है। वैसे, महंगाई की बात इस वक्त सिर्फ कांग्रेस या विपक्षी दल ही कर रहे हैं। भाजपा के मुद्दों में बेरोजगारी और महंगाई का नाम गायब हो चुका है। जिस बात का दम भरकर भाजपा १० साल पहले सत्ता में आई थी, वे सभी मुद्दे आज भी मौजूद हैं, लेकिन भाजपा के घोषणा पत्र से लेकर नेताओं की सभाओं तक में इन दोनों बड़े मुद्दों का जिक्र तक नहीं हो रहा है। भाजपा ने विपक्ष को बोलने का मौका दे दिया है। विपक्ष लगातार इन विषयों पर बोल रही है। इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सरकारी नौकरी की बात भी कही है।
अब सिर्फ यही बाकी रह गया था
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार चर्चा में हैं। पहले तो उनका रोड शो खाली चला गया। यही नहीं, रोड शो में कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगे। इसके बाद उन्होंने एक और सभा आयोजित की, जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी की बात जनता के सामने करने वाले थे। हालांकि, इस सभा में चंद लोग ही आए और बाकी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। इसके बाद शर्मा की बेइज्जती हो गई। अब ताजा मामला धौलपुर का है। एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें शर्मा सभा में आए लोगों को भगवान की कसम देकर रोक रहे हैं। दावा किया गया है कि यह शर्मा ही हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि लोग सभा को छोड़कर जा रहे हैं। मंच से शर्मा की आवाज आती है कि भोलेबाबा की सौगंध है, जरा भी तुम हिंदू हो तो लौटकर आओ। हालांकि, जनता ने उनकी इस कसम को नजरअंदाज कर दिया और लोग उठकर जाते रहे। लोगों ने शर्मा की बात सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और देखते ही देखते सभी कुर्सियां खाली होने लगीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा की राह राजस्थान में कितनी आसान या मुश्किल है।
भाजपा को सता रहा डर
जब से करणी सेना के राज शेखावत को हिरासत में लिया गया है और उनकी पगड़ी उछाली गई है, भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजस्थान के राजपूत समाज ने तो भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला ही है, अब इसमें हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश के राजपूत भी शामिल हो गए हैं। यहां से भी खबरें आ रही हैं कि राजपूतों ने भाजपा को वोट न करने का पैâसला किया है। यह विवाद गुजरात में केंद्रीय मंत्री के एक बयान से शुरू हुआ था, जब उन्होंने कथित तौर पर राजपूत महिलाओं का अपमान किया। इसके बाद करणी सेना के राज शेखावत भड़क गए और भाजपा कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। अब तक राजपूतों का वोट भाजपा को ही जाता था। राजपूत समाज भाजपा का सबसे बड़ा वोट बैंक है, लेकिन शेखावत ने जिस तरह से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, वह पार्टी के लिए ठीक नहीं है। शेखावत खुद लोकसभा चुनाव में लड़ रहे हैं और उन्होंने खुद की जीत का दावा भी किया है।