मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : कहीं सच न हो जाए बयान

राजस्थान का रण : कहीं सच न हो जाए बयान

गजेंद्र भंडारी

राजस्थान लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच सियासत में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का एक बयान काफी सुर्खियों में हैं। उन्होंने दौसा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के हारने की स्थिति में चुनाव हारने पर मंत्री पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी। इधर, सियासत में चर्चा तेज है कि ४ जून के चुनाव परिणाम के बाद वैâबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा देना तय है! इसको लेकर राजनीतिक जानकार अपनी-अपनी व्याख्या कर रहे हैं। इधर, भाजपा की सियासत में भी हलचल मची हुई है। वहीं अब कांग्रेस के साथ बीजेपी के नेता भी इस बात को लेकर इंतजार कर रहे हैं कि क्या वाकई में किरोड़ी लाल मीणा अपने मंत्री पद से इस्तीफा देंगे? किरोड़ी लाल मीणा के दौसा से बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव हारने की स्थिति में इस्तीफे देने की पेशकश ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा रखी हैं। इसको लेकर सियासत में जमकर चर्चाओं का दौर चल रहा हैं। इधर, किरोड़ी लाल मीणा को लेकर कयास तेज हो गए हैं कि ४ जून के बाद किरोड़ी लाल मीणा अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

डोटासरा के बयान से मची हलचल
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मतदान खत्म के बाद अब नतीजों का इंतजार है। पिछले महीने २६ अप्रैल को वोटिंग खत्म होने के बाद ४ जून को ही चुनावी परिणाम पता चलेगा, लेकिन राजस्थान में इसे लेकर अभी से चर्चाएं हो रही हैं कि बीजेपी और कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी। दिलचस्प बात यह है कि मिशन-२५ का दावा करने वाली बीजेपी भी अब मान रही है कि सीटों में कटौती हो सकती है। इस बीच, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बड़ा बयान आया है। डोटासरा ने बयान दिया है कि राजस्थान में बीजेपी ७ सीटों तक सिमटकर रह जाएगी। इससे पहले बीजेपी के नेताओं के भी रिजल्ट के संबंध में बयान सामने आ चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह ने इस बात को स्वीकारा था कि सीटें कम हो सकती है। वहीं बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी बयान दे चुके हैं कि राजस्थान में २-३ सीटों पर कड़ी टक्कर है। इस बार कांग्रेस का दावा काफी मजबूत है और सट्टा बाजार भी कांग्रेस के ही बारे में भविष्यवाणी कर रहा है। खैर, असलियत तो ४ जून को सामने आ ही जाएगी।

विरोध से बचना जरूरी है
लोकसभा चुनाव का मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस के भीतर के अंतर्विरोध खुलकर सामने आ रहे हैं। अशोक गहलोत के बयान की काफी चर्चा हो रही है। गहलोत ने पायलट पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि इस तरह के बयान से बचना चाहिए। दरअसल, पायलट ने जालौर में प्रचार के सवाल पर कहा था कि उन्हें बुलाया ही नहीं गया। साथ ही राजस्थान में नतीजों को लेकर गहलोत ने कहा था कांग्रेस प्रदेश में डबल डिजिट में सीटें जीतेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि देश में परिवर्तन की हवा बह रही है और केंद्र में भी `इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनेगी। गहलोत ने जो यह दावा किया है कि उसकी चर्चा प्रदेश की सियासत में तेज हो गई है। इधर, लोकसभा चुनाव के जैसे-जैसे चरण गुजर रहे हैं, वैसे ही सट्टा बाजार में भावों में बदलाव दिख रहा है। भले ही लोकसभा चुनाव के मतदान राजस्थान में खत्म हो चुके हैं, लेकिन राजस्थान में भावों में उतार-चढ़ाव अभी भी जारी है।

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