सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में संभल हिंसा को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस हिंसा को बीजेपी की सोची-समझी साजिश का दुष्परिणाम बताया है। पार्टी ने कहा कि हम पूरी जिम्मेदारी से कहते हैं कि मृतकों की जान आदित्यनाथ प्रशासन ने ही ली है। इस पूरे मामले में बीजेपी न तो सर्वे करना चाहती है और न ही उसे रोकना चाहती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का निंदनीय नारा देने वाले योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश का कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है। ये बात संभल की बेहद संवेदनशील और गंभीर घटना से पता चलता है। संभल में जो प्रदर्शनकारियों पर सीधे फायरिंग करने के वीडियो सामने आए हैं वो सोची समझी साजिश का दुष्परिणाम है।
बीजेपी के डीएनए में है द्वेष फैलाना
पवन खेड़ा ने कहा कि समाज में, भाई-भाई में द्वेष फैलाना और सांप्रदायिक आग लगाना ये बीजेपी के डीएनए में है, एक ओर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का खोखला नारा है तो दूसरी ओर एक समुदाय को दूसरे समुदाय के बीच धर्म को ढाल बनाकर दीवार खड़ी करना और लोगों की जान लेना कौन सी एकता का संदेश है। एक ओर सबका साथ-सबका विश्वास का एक दशक से चला आ रहा झूठ, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में लगातार धार्मिक आधार पर समाज को निशाना बनाया जाना, केवल तुच्छ और ओछी राजनीति है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पूरे मामले में बीजेपी न तो सर्वे करवाना चाहती थी न ही रोकना, उसका उद्देश्य केवल भाईचारा खत्म करना था। पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इस हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं।
मस्जिद में खुदाई होने की फैली अफवाह के बाद भड़की हिंसा
जामा मस्जिद के सदर और एड. जफर अली ने आरोप लगाया कि शहर की मौजूदा स्थिति के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि सर्वे के दौरान एसडीएम मस्जिद से वजूखाने का पानी निकालने पर अड़े थे, जिसके कारण बाहर गलत सूचना पैâली, फिर भीड़ जमा हो गई। जफर अली के मुताबिक, एसडीएम संभल की हरकत की वजह से लोग आक्रोशित हो गए और मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए, जो कुछ हुआ वह सब सीओ और एसडीएम की साजिश के चलते हुआ। भीड़ को गलतफहमी हो गई कि अंदर खुदाई हो रही है, जिसके कारण यह स्थिति बनी।