मुख्यपृष्ठनए समाचारबीड के आका की सीएम, डीसीएम से है नजदीकी ... क्या सही...

बीड के आका की सीएम, डीसीएम से है नजदीकी … क्या सही में मिलेगा न्याय?-संजय राऊत का प्रहार

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था के संदर्भ में बीड मामला एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पिछले कई वर्षों से बीड में कानून का कोई राज नहीं था। यहां एक व्यक्ति जो कहता था वही कानून, प्रशासन और न्याय था। बीड जिले ने कई हत्याएं देखी और झेली हैं, लेकिन संतोष देशमुख की हत्या के बाद पिछली हत्याएं भी उजागर हो गर्इं और महाराष्ट्र अशांत हो गया। सरकार को आखिरकार कार्रवाई करनी पड़ी। हालांकि, सरकार भी ऐसी हत्याओं को पचाने में माहिर है। मौजूदा सीएम और दो डीसीएम की बीड के आका के साथ नजदीकी की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं। इस तरह का प्रहार करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने सवाल किया है कि क्या बीड की घटना में सचमुच न्याय होगा? क्या वास्तविक जांच होगी?
मीडिया से बातचीत करते हुए कल सांसद संजय राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि हम किसी को नहीं छोड़ेंगे, लेकिन अब तक फडणवीस ने कितने लोगों को छोड़ दिया, कितने लोगों के खून के धब्बों को धोकर उन्हें सरकार में शामिल कर लिया, कितने लोगों की चीखें दबाई गर्इं और कितने मामलों को दबा दिया, इसे लेकर संजय राऊत ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें खुद ही एसआईटी गठित करके रिपोर्ट लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी ने कहा है कि फडणवीस बीड मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर हैं, क्योंकि महाराष्ट्र राज्य को बदनाम करने का मतलब यहां के मुख्यमंत्री को बदनाम करना है।
बीड में नहीं होनी चाहिए सुनवाई
संजय राऊत ने कहा कि वाल्मीक कराड को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस मामले की सुनवाई बीड में नहीं होनी चाहिए। जिस तरह शहाबुद्दीन मामले और अन्य मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर हो रही है, उसी तरह इस मामले की भी सुनवाई बीड जिले के बाहर होनी चाहिए। लेकिन सरकार, गृहमंत्री, उनके हैं इसलिए भले ही मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में कहीं और की जाए तो भी न्याय मिलने की कोई संभावना नहीं है।

हम नहीं करना चाहते कोई राजनीति
उन्होंने कहा कि बीड के संबंध में एक गिरफ्तारी की गई है। परभणी के संबंध में और भी गिरफ्तारियां की जाएंगी। उद्धव ठाकरे इन दोनों घटनाओं पर बहुत गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं। दोनों जिलों से संपर्क रखे हुए हैं। यह सच है कि कई लोगों ने वहां राजनीतिक यात्राएं की हैं, लेकिन शिवसेना उनमें से नहीं है। बीड और परभणी में दो निर्दोष लोगों की जान चली गई। अब जांच शुरू हो गई है। जांच को दिशा और गति मिलनी चाहिए। इसके बाद हम सोमनाथ सूर्यवंशी और सरपंच संतोष देशमुख के परिजनों को सांत्वना देने जाएंगे। हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते।

अन्य समाचार