सामना संवाददाता / मुंबई
रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर चल रहे विवाद के बीच हो रही बैठकों और चर्चाओं के चलते शिंदे गुट में बेचैनी देखी जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के महाराष्ट्र दौरे से पहले शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि डिनर डिप्लोमेसी के जरिए रायगड के पालकमंत्री पद का पेच सुलझ सकता है। वहीं दूसरी ओर पालक मंत्री पद को लेकर शिंदे गुट के भरत गोगावले ने भाजपा को आंखें दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं मिली, तो निकट भविष्य में बड़ा बवाल होगा। उनका यह चेतावनी भरा बयान अमित शाह के रायगड दौरे से पहले आया है।
उल्लेखनीय है कि बीते कई महीनों से रायगड की राजनीति में पालक मंत्री पद को लेकर भारी खींचतान दिखाई दे रही है। इस पद को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के लिए महाराष्ट्र दौरे पर आ रहे हैं। वे शनिवार को रायगड किले का दौरा करेंगे। इसके बाद मुंबई में उनके कार्यक्रम होंगे। रायगड किले पर कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वे अजीत पवार गुट के सांसद सुनील तटकरे के सुतारवाड़ी स्थित निवास पर भोजन के लिए जाएंगे। ऐसे में अमित शाह के इस दौरे में रायगड जिले के पालकमंत्री पद के विवाद का समाधान निकलने की संभावना जताई जा रही है। इसी में शिंदे गुट के विधायक महेंद्र दलवी ने रायगड जिले के पालकमंत्री पद के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हमें निश्चित रूप से न्याय मिलेगा। कल देश के गृहमंत्री अमित शाह का नियोजित दौरा और सुतारवाड़ी में भोजन कार्यक्रम है, लेकिन पालकमंत्री पद को लेकर बंद दरवाजे के पीछे चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। शिंदे गुट ने कहा है कि भरत गोगावले के रूप में हमें पालक मंत्री पद मिलना चाहिए था, इसमें बहुत देर हो चुकी है। प्रोटोकॉल के अनुसार, गोगावले चार बार विधायक रह चुके हैं इसलिए यह पद उन्हें मिलना चाहिए। शिंदे गुट के विधायक दलवी ने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में भरत गोगावले को रायगड का पालकमंत्री पद नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन होगा।
चिंता करने की नहीं है कोई जरूरत
अमित शाह के सुतारवाड़ी दौरे पर टिप्पणी करते हुए भरत गोगावले ने आगे कहा कि अमित शाह को सुनील तटकरे ने भोजन का निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार किया। ऐसे में वहां जाना औपचारिक होता है, लेकिन वहां जाने का मतलब यह नहीं कि पालकमंत्री पद का विवाद सुलझ गया। अमित शाह रायगड आ रहे हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। राजनीति में कोई किसी को बढ़ा सकता है। एकनाथ शिंदे की भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नजदीकी है इसलिए हमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं।