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विश्वगुरु बनने से पहले खुद को बदलना होगा! …बिना नाम लिए गडकरी ने साधा निशाना

-लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं जारी
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं। वे लाडली बहन योजना से लेकर अन्य योजनाओं पर भी अपनी बेबाक राय रख चुके हैं। एक बार फिर गडकरी ने अपनी ही सरकार पर इशारों-इशारों में जमकर तंज कसते हुए कहा कि जाति, नकदी और अपराध का राजनीति में बोलाबाला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वगुरु बनने से पहले खुद को बदलना पड़ेगा। अब गडकरी का इशारा किस ओर है इस बारे में लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।
गडकरी ने आज की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘राजनीति के शुद्धीकरण के लिए नेताओं को शिवाजी महाराज के सिद्धांतों का पालन करना होगा और समाज की बेहतरी के लिए उनके सुशासन के विचार को अपनाना होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब स्पष्ट कर दिया था कि वोट न मिलने पर भी वे जाति आधारित राजनीति में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भारत को ‘आत्मनिर्भर भारत’, पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और विश्वगुरु बनाने के बारे में बहुत चर्चा हो रही है, लेकिन लोगों को दूसरों को सलाह देने से पहले खुद में बदलाव लाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘अगर हम उनके किसी गुण को भी अपना लें, तो यह हमारे समाज और देश को बहुत आगे ले जाएगा।

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