मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर
वादी एफआईआर में कही गई बातों से मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में मुकर गया और कहा कि धनंजय व विक्रम ने न तो अपहरण कराया न रंगदारी मांगी। वादी के घटना से मुकरने का फायदा विक्रम को तो मिल गया लेकिन धनंजय चूक गए।
जौनपुर। एमपी-एमएलए कोर्ट ने जौनपुर जिले के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में दोषी करार दिया है।लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे जिले के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ चुनाव की घोषणा के चन्द रोज पहले ही कानून ने अपना शिकंजा कस दिया है और न्यायिक हिरासत में लेकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। लोकसभा चुनाव के सुगबुगाहट के साथ धनंजय सिंह के द्वारा चुनाव लड़ने के एलान से भाजपा खुद को असहज महसूस करने लगी थी। जौनपुर से भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इधर कुछ दिनों से इस मुकदमे की सुनवाई तेज कर दी गई थी। आज मुकदमा उपरोक्त में तारीख निर्धारित थी। धनंजय सिंह कोर्ट में मौजूद थे। धनंजय सिंह को जेल जानें की घटना वायरल होते ही उनके समर्थकों में मायूसी और गुस्सा दोनों देखने को मिला है।
गौरतलब हो कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 10 मई 2020 को विक्रम और उसके सहयोगियों द्वारा उसका अपहरण करके धनंजय सिंह के आवास पर ले जाया गया। जहां धनंजय ने पिस्टल निकाल कर धमकाया। रंगदारी मांगी। आरोपियों ने जबरन गिट्टी बालू की आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए धमकी दिया। वादी की एफआईआर पर आरोपी गिरफ्तार हुए। जेल गए। बाद में वादी एफआईआर में कही गई बातों से मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में मुकर गया और कहा कि धनंजय व विक्रम ने न तो अपहरण कराया न रंगदारी मांगी। वादी के घटना से मुकरने का फायदा विक्रम को तो मिल गया लेकिन धनंजय चूक गए। पुलिस सूत्रों की माने तो पहले विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल भी कर दी थी बाद में पुलिस के उच्च अधिकारी के आदेश से पुनः विवेचना हुई और इस बार चार्ज शीट दाखिल हुई। मामले में पुलिस द्वारा चार्ज सीट न्यायालय भेजने के बाद मुकदमा शरद चन्द त्रिपाठी एडीजे चतुर्थ एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन था। जिसके बवजूद भी मंगलवार को धनंजय सिंह को दोशी करार देते हुए जेल भेज दिया गया है।