सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसी के साथ जमा किए गए हलफनामे में सभी प्रत्याशियों ने खुद पर दर्ज मामलों और संपत्तियों का संपूर्ण ब्योरा दिया है। हालांकि, इस चुनाव में प्रत्याशियों के हलफनामों में कई चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं। साल २०१९ में राज्य की महायुति सरकार में जिस ‘लाडली मंत्री’ की एसेट्स जहां ३९ लाख रुपए थी, वहीं अब उसमें ७७२ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ ही २९ मंत्रियों की संपत्तियों में भी भारी इजाफा हुआ है।
इसके साथ ही पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार और वैâबिनेट मंत्रियों के साथ ही अधिकांश मंत्रियों की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है। उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हलफनामे के मुताबिक, इनमें से कई मंत्रियों ने घर, जमीन, बंगले जैसी अचल संपत्तियों में निवेश किया है। महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे की संपत्ति में ७७२ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अदिति तटकरे की नेटवर्थ २०१९ में ३९ लाख रुपए थी, जबकि २०२४ में उनकी नेटवर्थ ३.४ करोड़ रुपए हो गई है।
सीएम की भी संपत्ति १८७ फीसदी बढ़ी
-कई मंत्रियों की संपत्ति में ३ गुना तक इजाफा
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरते समय २९ मंत्रियों द्वारा दायर हलफनामों से पता चला है कि उनकी कुल संपत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
वर्ष २०१९ में सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री रवींद्र चव्हाण की कुल संपत्ति ७ करोड़ रुपए से बढ़कर १५.५ करोड़ रुपए हो गई, जिसमें १.५ लाख रुपए की रिवॉल्वर जैसी वस्तुएं शामिल थीं। मंत्री संजय राठौड़ की संपत्ति ५.९ करोड़ से बढ़कर १५.९ करोड़ हो गई है। जल संसाधन मंत्री संजय राठौड़ की संपत्ति में २२० फीसदी का इजाफा हुआ है।
हलफनामे से पता चला है कि खेल, युवा कल्याण और बंदरगाह विकास मंत्री संजय बनसोडे की संपत्ति में १४४ फीसदी का इजाफा हुआ है। उनकी संपत्ति २ करोड़ से बढ़कर ५ करोड़ हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की संपत्ति पिछले पांच साल में १८७ फीसदी बढ़कर ७.८१ करोड़ रुपए से २२.४ करोड़ रुपए हो गई है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस की संपत्ति में भी इजाफा हुआ है। दूसरों की तुलना में खुदरा दर में क्रमश: ४४ फीसदी और ५६ फीसदी की वृद्धि हुई है। हलफनामे से साफ है कि निवेश के जरिए मुख्यमंत्री शिंदे और उनके उप मुख्यमंत्रियों की संपत्ति और जमीन में बढ़ोतरी हुई है।
– ईडी के निशाने पर मंत्रियों की प्रॉपर्टी
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में तीन मंत्री प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे हैं। अजीत पवार और उनके सहयोगी हसन मुश्रीफ राज्य सहकारी बैंक मामले में फंस गए थे। इस बीच २०१६ में आरटीओ भूमि और महाराष्ट्र सदन से संबंधित एक कथित घोटाले में मंत्री छगन भुजबल को गिरफ्तार किया गया था, जो अब जमानत पर बाहर हैं। इन नेताओं ने दिए हलफनामे में इन मामलों का संक्षेप में जिक्र किया है। भुजबल की संपत्ति जहां १७ फीसदी, वहीं मुश्रीफ की संपत्ति ३४ फीसदी बढ़ी है।