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बेस्ट महाप्रबंधक ने सौंपा मनपा आयुक्त को नौ हजार करोड़ का बजट! …वित्तीय संकट से जूझ रही है मुंबई की परिवहन व्यवस्था

सामना संवाददाता / मुंबई
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) ने वित्तीय वर्ष २०२५-२६ के लिए अनुमानित बजट गत गुरुवार को पेश किया। बेस्ट के महाप्रबंधक अनिल दिग्गीकर ने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी को यह प्रस्तावित बजट सौंपा। इस बजट का अनुमानित आकार लगभग ९,००० करोड़ रुपए है, जिसमें बकाया रकम का भी समावेश किया गया है। हालांकि, इस बजट को फरवरी २०२५ में बीएमसी के अंतिम बजट के साथ पेश किया जाएगा।
बेस्ट ने नई बसों के लिए मांगे थे
तीन हजार करोड़
बेस्ट प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में २०२४-२५ के लिए ३,००० करोड़ रुपए की सहायता राशि मांगी थी, लेकिन बीएमसी ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया। यह राशि नई बसों की खरीद के लिए मांगी गई थी, जिससे शहर की पहले से ही तनावग्रस्त सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुधारने में मदद मिलती। वर्तमान में बेस्ट के पास २,९७८ बसें हैं, जिनमें से १,६८४ लीज पर ली गई हैं।
३५ लाख यात्री
रोजाना करते हैं यात्रा
बेस्ट रोजाना करीब ३५ लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान करता है, लेकिन कर्मचारी संघ के साथ हुए समझौते के अनुसार, इसे अपने बेड़े में कम से कम ३,३०० बसें बनाए रखने की आवश्यकता है। प्रशासनिक लापरवाही और वित्तीय सहायता की कमी ने बेस्ट के संचालन और सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
एक महीने बाद मिला बोनस
दिवाली के एक महीने बाद, बेस्ट के २७,००० कर्मचारियों को गुरुवार को बोनस का भुगतान किया गया। २७,००० से २९,००० रुपए तक की राशि कर्मचारियों के खातों में भेजी गई। लेकिन यह भुगतान तब हुआ जब कर्मचारियों ने काम ठप करने की चेतावनी दी। सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी ने बेस्ट को ८० करोड़ रुपए ट्रांसफर किए, जिससे बोनस का भुगतान संभव हो सका। हालांकि, दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर बोनस की देरी ने कर्मचारियों में असंतोष बढ़ाया। बेस्ट की वित्तीय हालत और प्रशासन की उदासीनता ने मुंबई की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। एक तरफ यात्रियों को बेहतर सेवाओं की उम्मीद है, तो दूसरी ओर वित्तीय सहायता और नियोजन की कमी से यह व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है। व्

 

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