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युवाओं, महिलाओं गरीबों और किसानों को धोखा! … निर्मला सीतारमण पर विपक्ष का कटाक्ष

सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव की पृष्ठभूमि पर पेश किए गए अंतिम केंद्रीय बजट में कुछ भी गंभीरता नहीं दिखाई दी। मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई से जल रहा है। ऐसे में उन्हें राहत देने की जरूरत थी, लेकिन इस बजट में महंगाई को लेकर कोई भी नीति अथवा उपाय नहीं किया गया। किसान, मजदूर, मध्यम वर्गीय और आम गरीब जनता के लिए इसमें किसी तरह की मदद नहीं मिली। कुल मिलाकर यह बजट सभी घटकों को निराश करनेवाला साबित हुआ है।

हमारी वित्त मंत्री शक्तिशाली नहीं! -यशोमती ठाकुर
केंद्र सरकार के निराशाजनक बजट को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं उमड़ रही हैं। गुरुवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने सोचा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बहुत शक्तिशाली हैं। मुझे उम्मीद थी कि देश का अंतरिम बजट पेश करते समय वे वहां कोई अच्छी घोषणा करेंगी, लेकिन अब इस बजट के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके हाथ में कुछ नहीं बचा है। उनके सामने जो पेपर आता है वो उसे पढ़ लेती हैं। कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना की और इस अंतरिम बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें अपने दिमाग का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। वे चुनाव को ध्यान में रखकर घोषणाएं कर रही हैं। हकीकत में कुछ भी नहीं है। इस बजट में किसानों का मुंह पोंछने का काम किया गया है। किसानों को शुद्ध चूना लगाया जाता है। शिक्षकों और छात्रों के लिए कोई योजना नहीं है।

निराशाजनक, नकारात्मक और नवीनता का अभाव
-जयंत पाटील 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जो बजट पेश किया, उसे लेकर राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। जयंत पाटील ने आलोचना की है, उन्होंने कहा कि यह बजट निराशाजनक, नकारात्मक और इसमें नवीनता का अभाव है। पाटील ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर कर बजट की आलोचना की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट महज एक बकवास है। देश में बेरोजगारी और महंगाई कम करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं है।

सभी घटकों को पूरी तरह से निराशा करनेवाला रहा बजट
किसानों को बहुत बड़ी राहत देने का ढिंडोरा पीटा जा रहा है, लेकिन वास्तविक तौर पर किसानों को भी इस बजट में किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली है। सत्ता दल मीडिया की मदद से हारी हुई पारी का जय-जयकार करेंगे, जो सही जय-जयकार नहीं होगा।
– बालासाहेब थोरात, पक्ष नेता कांग्रेस विधानमंडल

जुमलेबाज भाजपा का जुमलेबाज बजट
इस अंतरिम बजट ने किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, मध्यम वर्ग सहित आम लोगों को निराश किया है। मोदी सरकार की नीति आम जनता को लूटकर अमीरों को देने की है और यह निकम्मी भाजपा सरकार का एक और फिसड्डी बजट है। समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि विभाग में आवंटित राशि से कम राशि खर्च की गई है। -नाना पटोले, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

विकास का भ्रम पैदा करनेवाला बेहूदा बजट
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पेश किया गया बजट देश के किसानों, बेरोजगारों, आम जनता को धोखा देनेवाला, मजदूर वर्ग, मध्यम वर्ग की जेब पर डाका डालने वाला, करदाताओं की जेबों पर बोझ डालने की परंपरा को बरकरार रखनेवाला निरर्थक बजट है। केंद्र सरकार द्वारा विकास का आभास करानेवाला यह बजट जनता पर तमाचा है। यह बजट अंतरिम नहीं, बल्कि अंतिम है। कॉर्पोरेट टैक्स कम कर दिए गए, लेकिन आम जनता को टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई।
– विजय वडेट्टीवार, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा

यह सरकार सिर्फ ज्ञान देती है -प्रकाश आंबेडकर
देश में कुछ ही महीनों में आम चुनाव होने हैं और उससे पहले भारत सरकार का अंतरिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया। जिस पर बोलते हुए वंचित बहुजन आघाड़ी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने ट्विटर के माध्यम से कहा है कि यह सरकार केवल ज्ञान दे रही है, लेकिन इसने भारतीय युवाओं, गरीबों और किसानों को धोखा दिया है। उन्होंने वित्त मंत्री की यह भी आलोचना की कि वे केवल अपनी पीठ थपथपाने और झूठ बोलने में ही खुश रहती हैं।

बजट में आम आदमी के लिए कोई जगह नहीं
इस बजट में आम आदमी को जगह नहीं दी गई है। बजट में दावा किया गया कि चार करोड़ किसानों को फसल बीमा दिया गया। महाराष्ट्र में १ करोड़ ५२ लाख खाताधारक होते हुए ४ करोड़ लोगों को फसल बीमा देना कोई बड़ी बात नहीं है। यह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करनेवाला बजट है। केंद्र सरकार ने पिछले साल अमृतकाल की घोषणा की थी, लेकिन पिछले साल देश को अमृत की एक बूंद भी नहीं मिली। इस सरकार ने देश को रसातल में ले जाने का काम किया। ग्रामीण क्षेत्रों, किसानों और खेत मजदूरों के लिए कोई ठोस योजना लाए बिना मोदी सरकार ने यह गलतफहमी पाल ली है कि वे केवल धार्मिक मुद्दों पर चुने जाएंगे।
-अंबादास दानवे, नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद

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