सामना संवाददाता / मुंबई
वर्तमान समय में अधिकांश लोग ऑनलाइन सोशल मीडिया पर रील देखने में सबसे ज्यादा वक्त बिताने के आदी हो गए हैं। इससे यूजर्स को भले ही मजा आता हो लेकिन यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। ‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ में पब्लिश यूसीएल शोधकर्ताओं की टीम की एक स्टडी में मेंटल हेल्थ और स्मार्टफोन, लैपटॉप, सोशल मीडिया के ज्यादा यूज के बीच स्वास्थ्य समस्या का कनेक्शन बताया है, जिसके मुताबिक, इससे मेंटल हेल्थ प्रभावित होता है।
सोशल मीडिया पर वक्त बिताने को लेकर यूसीएल शोधकर्ताओं की टीम ने रिसर्च की। इस स्टडी में बताया गया कि स्मार्टफोन, लैपटॉप, सोशल मीडिया का अगर आप दिन में ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। स्टडी के अनुसार, १,००० से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स की ऑनलाइन ब्राउजिंग हैबिट्स की जांच की गई थी, जहां पर सभी प्रतिभागियों के भावनात्मक पहलुओं की जांच की गई और इसमें पाया कि मानसिक सेहत और स्थिति में बेहद बदलाव है। यहां पर रिसर्चर्स ने यह माना कि जो खराब मानसिक सेहत के लक्षणों को महसूस कर रहे थे, उन्होंने ज्यादा बार निगेटिव कंटेंट्स को ब्राउज किया था।
भारत में सबसे ज्यादा हैं यूजर्स
बता दें कि रिसर्च फर्म ‘रेडसियर’ ने अपनी जानकारी में बताया कि हर भारतीय इंटरनेट यूजर्स दिन में औसतन ७.३ घंटे से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, इसमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी करते है। रिसर्च जर्नल ‘पबमेड’ में बताया गया है कि ७० फीसदी लोग सोने से पहले स्मार्टफोन चलाते हैं या सोशल मीडिया पर बिजी रहते हैं। सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने की वजह से नींद पूरी नहीं होती है और इंसान डिप्रेशन का शिकार या भूलने की बीमारी की चपेट में आ जाता है।