प्रभुनाथ शुक्ल भदोही
हमरा नाश्ता में दही आ जलेबी खूब पसंद बा। जब तलक हमनी दही-जलेबी के स्वाद ना लेनी तबले पेट मथत रहेला। जइसे जलेबी आ हम एक दोसरा खातिर बनल बानी जा। हमरा बिना तू का बाड़ू, तोहरा बिना हम का बानी। आज रोज निहन मॉर्निंग वॉक करत घरी जब हम जलेबी खरीदे खातिर ठुग्गू हलवाई के दोकान प पहुंचनी त सब जलेबी खतम हो गईल रहे। भोरे-सबेरे दोकान पर भीड़ हो गईल। जलेबी ना मिलला के चलते लोग निराश हो गईले। हम समझ ना पवनी कि का बात बा। आज जलेबी काहे खतम भइल। ठुग्गू हलवाई के दोकान पर जलेबी खरीदे वाला लोग के एतना भीड़ काहे बा। जब हम गहिराह जांच कइनी त बुझाइल कि ठुग्गू हलवाई के मशहूर जलेबी अब चुनावी बन गइल बा।
चुनाव खतम होते ही ठुग्गू के जलेबी वीआईपी हो गईल अवुरी ठुग्गू के दोकान से गायब हो गईली। चुनाव से पाहिले ठुग्गू हलवाई के दोकान प खरीददार बहुत कम रहे, लेकिन चुनाव के बाद से जलेबी लोकप्रिय हो गईल बा। वइसे भी अंग्रेज हमनी के जलेबी के प्रशंसक हवें। जलेबी के मिठास से बेसी ओकरा घुमावदार बनावट के पागल बाड़े। आज भी जब कवनो अंग्रेज हमनी के देस में आवेला त जलेबी के देख के अचरज हो जाला। इ जलेबी क जलवा राजा रंक, संतरी से लेके मंत्री तक के सिर चढ़ के बोलेला। कहल जाला कि राजनीति में शामिल होखे वाला लोगवा आगे बढ़ जाला। फिर जलेबी काहे पीछे रहेला।
जबसे नेताजी ओह चुनावी रैली में ठुग्गू जलेबी के जिक्र कइले बाड़न तबसे ठुग्गू हलवाई के धंधा कई गुना बढ़ गइल बा। हालांकि, उनकर जलेबी पहिलही से बहुत मशहूर रहे, लेकिन चुनाव के बाद इ एगो ब्रांड बन गईल बा, जवना के चलते ठुग्गू के कारोबार कई गुना बढ़ गईल बा। अब एकर निर्यात पर विचार कइल जा रहल बा। ठुग्गू खुद चिंतित बाड़े कि जलेबी के का भईल बा। टीवी आ सोशल मीडिया पर जलेबी राष्ट्रीय बहस के विषय बन गइल बा। वइसे भी हमनी के देश में जलेबी बहुत दिन से लोकप्रिय बा। चुनाव में हमनी के नेता लोग के बात अवुरी वादा जलेबी से जादे मीठ बा। जनता एहमें अझुरा के परेशान होत रहेले।