मुख्यपृष्ठनए समाचारसंतोष देशमुख हत्याकांड में बड़ा खुलासा : नए कानून का बहाना, पुलिस...

संतोष देशमुख हत्याकांड में बड़ा खुलासा : नए कानून का बहाना, पुलिस की ढिलाई और देशमुख की गई जान!

साढ़े तीन घंटे प्रत्यक्षदर्शी को थाने में बिठाया

सामना संवाददाता / मुंबई
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। अपहरण की सूचना मिलने के बावजूद केज पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी और देशमुख के भाई धनंजय देशमुख को करीब साढ़े तीन घंटे थाने में बैठाकर रखा। जबकि घटना की गंभीरता पुलिस को पता थी, इसके बावजूद उन्होंने भारी लापरवाही दिखाई। अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती, तो शायद संतोष देशमुख की जान बच सकती थी।
पिछले वर्ष ९ दिसंबर को संतोष देशमुख का अपहरण किया गया। टोल नाके पर उनकी कार को रोका गया। इसके बाद उन्हें कार से बाहर निकालकर बेरहमी से पीटा गया और फिर आरोपी उन्हें अपनी कार में जबरन बैठाकर किसी अज्ञात जगह ले गए। अपहरण के समय उनके साथ मौजूद प्रत्यक्षदर्शी ने पूरा मामला देशमुख के भाई धनंजय को बताया। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, अपहरण के दौरान आरोपियों ने उसके गले पर कोयता रख दिया था, जिससे वह जान जाने के डर से चुप रहा। घटना के तुरंत बाद उसने जाकर धनंजय देशमुख को सारी बात बताई। इसके बाद धनंजय देशमुख प्रत्यक्षदर्शी को लेकर केज पुलिस स्टेशन पहुंचे। यह सब कोर्ट में हुई बहस के दौरान सामने आया।

पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल
पुलिस स्टेशन पहुंचने पर पुलिस ने ‘नया कानून आया है, हमें किताब देखकर धाराएं लिखनी पड़ती हैं’ ऐसा कहकर दोनों को साढ़े तीन घंटे तक बिठाकर रखा। इस बीच अगर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खोजबीन शुरू की होती तो संतोष देशमुख को बचाया जा सकता था। इस लापरवाही को लेकर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

अन्य समाचार