सामना संवाददाता / डोंबिवली
डोंबिवली की ६५ अवैध इमारतों को गिराने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब जानकारी सामने आई है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले एक गिरोह ने हर इमारत के रहिवासियों से न्यायिक लड़ाई के नाम पर ढाई लाख रुपए वसूले। इस तरह कुल डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी की गई।
इस घोटाले को लेकर डोंबिवली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें याचिकाकर्ता संदीप पाटील, एड. निलेश जाधव, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के जिलाप्रमुख दीपेश म्हात्रे, महिला संगठक वैशाली दरेकर सहित बड़ी संख्या में रहिवासी उपस्थित थे। बैठक में दीपेश म्हात्रे ने खुलासा किया कि बिल्डर ने रहिवासियों को न्यायिक प्रक्रिया का डर दिखाकर पैसे ऐंठे। इस मुद्दे पर पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा? यह आक्रोशित सवाल अब उठाया जा रहा है। बैठक में पीड़ित रहिवासियों ने इस घोटाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का पैâसला किया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस प्रकरण में संबंधित बिल्डरों और दस्तावेज बनाने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। यदि प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।