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बिश्नोई की ‘गुजरात बैरिकेडिंग’ मजबूत! …अगस्त २०२५ तक किसी को नहीं मिलेगी कस्टडी

– महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के मामले अटके
फिरोज खान / मुंबई
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की जेल में बंद है। वहां उसकी बैरिकेडिंग इतनी मजबूत की गई है कि किसी भी दूसरे राज्य की पुलिस को उसकी कस्टडी नहीं मिल सकती। उसकी क्राइम कुंडली हर राज्य में पैâली हुई है। ऐसे में महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के कई मामले अटक गए हैं, क्योंकि इन प्रदेशों को पुलिस को लॉरेंस से पूछताछ की अनुमति नहीं मिल पा रही है।
बता दें कि सलमान खान को धमकी और बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद चंडीगढ़ में रैपर बादशाह के क्लब के बाहर विस्फोट किया गया, जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। लगातार आतंक पैâलाने के बावजूद राज्य की पुलिस को उसका ट्रांजिस्ट रिमांड मिलना मुश्किल नजर आता है, क्योंकि उसे जिस खास कानूनी धारा के तहत जेल में रखा गया है, उसके तहत अगस्त २०२५ तक किसी भी राज्य की पुलिस को उसका ट्रांजिस्ट रिमांड मिलना मुश्किल नजर आता है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से मुंबई के अलावा अन्य राज्य में जहां भी हत्या, हफ्तावसूली के मामले सामने आ रहे हैं, उसकी बिश्नोई गैंग जिम्मेदारी ले रहा है। ऐसी स्थिति में मुंबई, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान पुलिस बिश्नोई की ट्रांजिस्ट रिमांड चाहती है, ताकि उससे पूछताछ की जा सके, लेकिन फिलहाल ये मुमकिन नजर नहीं आता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि बिश्नोई को गुजरात की साबरमती जेल में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एक विशेष कानूनी सीआरपीसी की धारा २६८ के तहत जेल में रखा गया है। इस धारा का मायने यह है कि बिश्नोई को साबरमती जेल से बाहर निकाला नहीं जा सकता। हाल यह है कि पिछले १४ महीनों से उससे कोई मिल नहीं पाया है। यहां तक कि उसके घरवालों को भी इजाजत नहीं है। बिश्नोई के वकील को भी मिलना होता है तो उसे वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग के जरिए बात कराई जाती है। बिश्नोई के खिलाफ देशभर में ८० से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। सभी को मामले के तह तक जाने के लिए बिश्नोई से पूछताछ करना जरूरी है। लेकिन ट्रांजिस्ट रिमांड के लिए अलग-अलग राज्य की पुलिस को अगस्त २०२५ तक इंतजार करना होगा, क्योंकि इस विशेष धारा की मियाद अगस्त २०२४ को समाप्त होगी।

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