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लोकसभा में भाजपा को हार का डर! …तीन लोगों के साथ फिर मंत्री बने राजभर!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले हार के डर से परेशान भाजपा ने यूपी में योगी सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार किया। सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर समेत चार विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। नए मंत्रियों में दो भाजपा और दो सहयोगी दलों के हैं। भाजपा की तरफ से एमएलसी दारा सिंह चौहान और साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा को मंत्री बनाया गया है। रालोद से अनिल कुमार को मंत्री बनाया गया है। ओपी राजभर, दारा सिंह चौहान और अनिल कुमार को कैबिनेट पद की शपथ दिलाई गई। सुनील शर्मा को राज्यमंत्री बनाया गया है। अब योगी के मंत्रिमंडल में 56 मंत्री हो गए हैं। फिलहाल मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों की जगह अब भी खाली है। ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने की पिछले साल से ही चर्चा चल रही थी। दोनों के मंत्री बनने से लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्वांचल में फायदा मिलने की उम्मीद है। अखिलेश यादव के पीडीए की काट भी इन मंत्रियों से निकाला जा सकता है। ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान जहां पिछड़ी जाति से आते हैं। वहीं अनिल कुमार दलित समाज से हैं। सुनील शर्मा गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी के ब्राह्मण चेहरा हैं। हार के डर से डरी भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार कर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सभी वर्गों को साधने की बड़ी कोशिश की है।

विधानसभा चुनाव 2022 के ठीक पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगा कर स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही दारा सिंह चौहान भी सपा में शामिल हो गये थे। उसके पहले योगी सरकार में रहे ओम प्रकाश राजभर अपनी ही सरकार की घेरेबंदी करना शुरू कर दिये थे। जिन्हें रगड़ते हुए योगी ने बर्खास्त कर दिया था। जो राजभर भाजपा का कोई कर्म नहीं छोड़े थे वह आज फिर से भाजपा सरकार में मंत्री हो गये। सरकार में शामिल होने से पहले राजभर ने अलग पूर्वांचल का मुद्दा उठाते हुये कहा कि अलग राज्य चाहते हैं। राजनैतिक प्रेक्षकों के अनुसार राजभर जितने दिन टिक जाय वह बहुत है। चूंकि वह अलग पूर्वांचल राज्य के मुख्यमंत्री होने की इच्छा जाहिर किये हैं जिस पर कभी योगी की दृष्टि थी। यदि राजभर अपनी बड़बोली पर नियंत्रण नहीं किये तो योगी आदित्यनाथ एक बार इन्हें फिर रगड़ेंगे। दारा सिंह चौहान और ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ को चाहे जितना खरी खोटी बोले हों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह और राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल के टच में हरदम बताये जाते थे। इन दोनों नेताओं की भाजपा सरकार में वापसी भी केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर हुआ है।

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