सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जो अराजकता फैली हुई है, वह एक तरह का राजनीतिक संकट है। तीन दलों को पूर्ण बहुमत मिला है, लेकिन जनता को इस बहुमत पर भरोसा नहीं है। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राऊत ने भाजपा पर बोला।
उन्होंने सीएम पद और सरकार के गठन में महायुति की ओर से की जा रही देरी को लेकर कहा कि महाराष्ट्र में जो चल रहा है, वह भाजपा की ‘महाशक्ति’ द्वारा रचा गया खेल है। दिल्ली में बैठी भाजपा की ‘महाशक्ति’ देवेंद्र फडणवीस को दरकिनार करने के लिए यह सारा खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि जिन्हें सरकार बनानी है, वे खुद उलझन में हैं। उन्हें अपने बहुमत और नतीजों पर विश्वास नहीं है। सरकार बनाने का दावा नहीं किया गया है। महायुति राजभवन में बहुमत साबित करने तक नहीं जा रही है। राज्यपाल भी सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दे रहे। यह पूरी प्रक्रिया संदिग्ध है। अगर ऐसी स्थिति में हम होते, तो अब तक राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका होता।
एकनाथ शिंदे पर संजय राऊत ने कहा कि असली शिवसेना से अलग होने के कारण शिंदे गुट को इस तरह के अपमान सहने पड़ रहे हैं। दो साल पहले भाजपा उन्हें साथ लेकर चल रही थी, क्योंकि उनकी मंशा हमारी असली शिवसेना को तोड़ने और महाराष्ट्र को कमजोर करने की थी। अब शिंदे को भाजपा की असलियत समझ आ रही होगी। भाजपा का बाहरी स्वरूप और अंतरंग दोनों अलग हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अजीत पवार और शिंदे गुट के बीच संघर्ष पैदा करने की साजिश रची जा रही है। अजीत पवार दिल्ली में कई गुप्त मुलाकातें कर रहे हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तैयारी हो रही है, लेकिन नेता दिल्ली में घूम रहे हैं। ऐसे में जो सरकार बनेगी, वह एक प्रकार से लोकतंत्र का मजाक ही होगा। संजय राऊत ने मारकडवाड़ी में धारा १४४ लगाए जाने पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं ने वोट दिया है, उन्हें भी नतीजों पर भरोसा नहीं है। कई जगहों पर लोग चुनाव नतीजों का विरोध कर सड़कों पर उतर रहे हैं। मारकडवाड़ी जैसे गांवों में लोग बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग कर रहे हैं। मारकडवाड़ी में जहां बैलेट पेपर से मतदान होना था, वहां धारा १४४ लगाकर लोगों को घर से बाहर निकलने से रोका गया। लोकतांत्रिक तरीके से मतदान करवाने की मांग कर रहे लोगों को धमकियां दी जा रही हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि मारकडवाड़ी में भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा।