सामना संवाददाता / नई दिल्ली
`बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के १० साल पूरे होने के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल महिलाओं के खिलाफ अपराध और मीडिया विज्ञापन पर खर्च को उजागर करते हुए सवाल उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा पर अपराधियों को बचाने की नीति अपनाने का आरोप लगाया।
एक्स पर बात करते हुए खड़गे ने पूछा कि भाजपा ने बेटियों को बचाने की बजाय अपराधियों को बचाने की नीति क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को कब न्याय मिलेगा? चाहे वह हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या हमारी चैंपियन महिला पहलवान, भाजपा ने हमेशा अपराधियों को क्यों बचाया है? देश में हर घंटे महिलाओं पर हुए ४३ अपराध क्यों दर्ज किए जाते हैं?
हमारे देश के सबसे कमजोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं और बच्चों के के साथ हुए हर दिन २२ अपराध दर्ज किए जाते हैं। मोदी ने लाल किले से अपने भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा की बात की है, लेकिन कथनी और करनी में अंतर क्यों है? खड़गे ने सवाल पूछा कि क्या कारण है कि २०१९ तक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवंटित कुल राशि का लगभग ८० फीसदी केवल मीडिया विज्ञापन पर खर्च किया गया?
‘बहुत हुआ नारी पर वार’ वाला खोखला विज्ञापन
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘पिछले ११ वर्षों में मोदी सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर खर्च हुआ बजट, पूरे बजट के खर्च की तुलना में आधा क्यों कर दिया? क्या हर ट्रक के पीछे ‘बेटी बचाओ’ चिपकाने या फिर हर दीवार पर यह पेंट करवा देने से महिलाओं के खिलाफ अपराध, या महिलाओं को अत्याचार के बाद न्याय मिलेगा? क्या उनके लिए रोजगार के अवसर, उनको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगा? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का ‘बहुत हुआ नारी पर वार’ वाला खोखला विज्ञापन, १० साल बाद उसका घोर दोहरा रवैया दर्शाता है।