इसमें कोई शक नहीं कि १४० करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में बेरोजगारों की कमी नहीं है। हालांकि, नौकरियां कम होती हैं, इसलिए भारी भीड़ में हर किसी को अपनी प्रतिभा या हुनर दिखाने का मौका नहीं मिल पाता। लिहाजा, महज एक पोस्ट (पद) के लिए भी नौकरी का विज्ञापन निकलता है तो हजारों आवेदन आ जाते हैं। हालांकि, एक कड़वा सच यह भी है कि गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस कंपटीशन भरे युग में सरकारी नौकरी ही युवाओं की पहली पसंद होती है। बेरोजगारों को जॉब दिलवाने में सरकारों से सहयोग मिलना चाहिए। इसके बजाए जॉब के लिए आवेदन करने पर सरकार १८ फीसदी जीएसटी ले रही है। इस बात को लेकर वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने अपने `एक्स’ अकाउंट से लिखा, `भाजपा युवाओं को नौकरी तो दे नहीं सकती, लेकिन परीक्षा फॉर्म पर १८ फीसदी जीएसटी वसूल कर देश के युवाओं के जख्मों पर नमक जरूर छिड़क रही है। अग्निवीर समेत हर सरकारी नौकरी के फॉर्म पर जीएसटी वसूली जा रही है। फॉर्म भरने के बाद सरकार की विफलता से पेपर लीक हुआ, भ्रष्टाचार हुआ तो युवाओं के ये पैसे डूब जाते हैं। माता-पिता अपना मन मारकर, तन-पेट काटकर, पाई-पाई जोड़कर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं, परीक्षा की तैयारी कराते हैं, लेकिन भाजपा की सरकार ने उनके सपनों को भी अपनी कमाई का जरिया बना लिया है।’