देश में सब ठीक है तो इतनी बेरोजगारी क्यों-अखिलेश
राष्ट्रपति के अभिभाषण में हवा-हवाई बातें-मायावती
आपातकाल का मुद्दा उठाने से राहुल नाराज!
मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। उनके इस संबोधन के बाद यूपी से जुड़ी पार्टियों ने एक मत होकर सरकार पर हमला बोल दिया। भाजपा के खिलाफ यदि विपक्ष की एकता इसी तरह मजबूत होती रही तो 2027 के विधानसभा चुनाव में यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बन सकता है। जो भाजपा के ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है।
राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे हवा-हवाई करार देते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि राष्ट्रपति जी ने पिछले दस वर्षों की जो उपलब्धियां गिनाईं हैं वह सब हवा-हवाई हैं। ये सब जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। सरकार महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कतई गंभीर नहीं दिख रही है। आने वाले पांच वर्षों का जो रोड मैप पेश किया गया है उसमें भी खास दम नहीं है।
कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है।’ आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल की कड़ी निंदा की थी। 24 जून को लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही पीएम मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान आपातकाल को देश पर काला धब्बा करार दिया था। उधर लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। राहुल ने सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं द्वारा संसद में आपातकाल पर की गईं टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित था और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल राव ने इस बारे में जानकारी दी।