सामना संवाददाता / कल्याण
महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा और शिंदे गुट के बीच की दरार अब खुलकर सामने आने लगी है। हाल ही में डोंबिवली में लोकनिर्माण मंत्री रविंद्र चव्हाण के खिलाफ लगाए गए अपमानजनक बैनर ने इस कलह को और गहरा कर दिया है। शिंदे गुट के युवासेना सचिव दीपेश म्हात्रे पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री के खिलाफ हैप्पी ‘खड्डे’ नाम का बैनर लगवाकर उनका मजाक उड़ाया। इस घटना के बाद भाजपा और शिंदे गुट के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं, और मामला पुलिस तक पहुंच गया है।
क्या है मामला?
बता दें कि २० सितंबर को मंत्री रविंद्र चव्हाण का जन्मदिन था, लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले डोंबिवली में हैप्पी ‘खड्डे’ बैनर लगाकर उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद मंत्री चव्हाण ने नाराजगी जाहिर करते हुए तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच में सामने आया कि बैनर शिंदे गुट के युवासेना नेता दीपेश म्हात्रे के इशारे पर लगाया गया था। यह विवाद न सिर्फ शिंदे गुट और भाजपा के रिश्तों में तनाव को दर्शाता है, बल्कि महाराष्ट्र की सत्ताधारी गठबंधन में अंदरूनी कलह को भी उजागर करता है।
गरमाया राजनीतिक माहौल
भाजपा और शिंदे गुट की सरकार बनने के बाद से दोनों दलों के बीच विवादों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं और यह बैनर कांड उन तनावों को और हवा दे रहा है। इस बैनर के बाद डोंबिवली और आस-पास के क्षेत्रों में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विष्णुनगर पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दीपेश म्हात्रे और ‘जाली प्रिंटर्स’ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा पूछताछ में खुलासा हुआ कि म्हात्रे ने ही बैनर छपवाकर इसे लगाने के निर्देश दिए थे।
राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह घटना भाजपा और शिंदे गुट के बीच चल रहे आपसी मतभेदों का परिणाम है। दोनों दलों के नेता भले ही गठबंधन में एक साथ हों, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच में तनाव और आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। मंत्री चव्हाण के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक हरकत भाजपा के नेताओं में गुस्सा पैदा कर रही है, जबकि शिंदे गुट इसे अपने तरीके से देख रहा है। यह घटना आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलावों का संकेत दे सकती है, क्योंकि भाजपा और शिंदे गुट के बीच की दरार अब जनता के सामने भी उजागर हो रही है।