सामना संवाददाता / जयपुर
जोधपुर जिले में शेरगढ़ से भाजपा विधायक बाबू सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पोलिंग पार्टी को धमकाने और अपमानजनक व्यवहार करने की घटना में उनके खिलाफ चामू थाने में पहले से एक मामला दर्ज है। आज रविवार को बीएसएफ उप निरीक्षक विकास कुमार ने भी रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। बाबू सिंह पर सैनिक को विद्रोह के लिए भड़काने और चुनाव परिणाम प्रभावित करने की धाराओं में चामू थाने में यह मामला दर्ज हुआ है। बाबू सिंह पर लगे आरोप साबित हो गए तो उन्हें एक साल की जेल हो सकती है। बाबू सिंह ने इस मामले को लेकर माफी भी मांगी थी। साथ ही साथ उन्होंने आरोप लगाए थे कि बीएसएफ जवान नशे में थे। वे मतदान करने आ रहे ग्रामीणों को बेवजह रोक रहे थे।
जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव ने बताया कि चामू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बीएसएफ जैसलमेर में तैनात उप निरीक्षक विकास कुमार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में बताया कि 26 अप्रैल को उनकी ड्यूटी नाथडाऊ गांव के मतदान केंद्र पर लगी हुई थी। वहां कुछ मतदाता अपना फोटो पहचान पत्र नहीं लेकर आए थे। उन्होंने मतदाताओं को अपनी फोटो आईडी लाने के लिए कहा था।
इस पर एक ग्रामीण ने वहां हंगामा शुरू कर दिया और कुछ ही देर में वहां पर विधायक बाबू सिंह भी आ गए और हंगामा करने लगे। हमारे जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन उनके साथ की भीड़ मेरी तरफ बढ़ने लगी। मुझे भीड़ द्वारा मेरे पर हमला करने का आभास हुआ। विधायक ने मेरे साथ बूथ पर अपमानजनक व्यवहार किया। इसके बाद वह जबरन बूथ के अंदर घुसे और पीठासीन अधिकारी बालू सिंह खींची से भी बदतमीजी की थी।
विधायक बाबू सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 352, 504, 506, 186, 179, 132, 171 (ग) और 171 (एफ) में मामला दर्ज किया है। इसमें धारा 171 के अनुसार, चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से किया गया कृत्य करता है तो उस पर जुर्माना लगता है। 171 एफ के तहत मतदान में अनुचित प्रभाव डालता है तो एक साल के कारावास की सजा का प्रावधान है। धारा 132 में किसी सैनिक को विद्रोह के लिए उकसाना भी अपराध है। इसमें भी कारावास का प्रावधान है। विधायक बाबू सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अब चामू थाना पुलिस इस मामले को सीआईडी को ट्रांसफर करेगी। अब सीआईडी इस मामले में पूरी जांच करेगी।