सामना संवाददाता / मुंबई
देश में इंडिया आघाड़ी और बीजेपी और राज्य में महायुति बनाम महाविकास आघाड़ी के बीच मुकाबला होगा। सीटों के बंटवारे और प्रचार में महाविकास आघाड़ी ने बढ़त बना ली है। हालांकि, कुछ सीटों पर महायुति का सीट आवंटन रुका हुआ है और कई जगहों पर रस्साकशी चल रही है। ४०० पार के सपने को साकार करने के लिए बीजेपी ने अजीत पवार और शिंदे गुट का गेम कर दिया है। बीजेपी ने शिंदे-अजीत पवार गुट को कम सीटें दी हैं। इसलिए दोनों गुटों में भयंकर नाराजगी व्याप्त है। साथ ही कई सर्वे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि महायुति की सीटें देश में कम आ रही हैं इसलिए अनुमान है कि बीजेपी का ४०० पार का सपना पूरा नहीं होगा। इससे बीजेपी की चिंता भी बढ़ गई है।
चारों सीटों पर हार रहा है दादा गुट
अजीत पवार और शिंदे गुट के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई है, लेकिन बीजेपी के दबाव के कारण उन्होंने कुछ अहम सीटें गवां दी हैं इसलिए उनके गुट की नाराजगी सामने आ रही है। अजीत पवार गुट को महायुति में सिर्फ चार सीटें मिली हैं। उन्हें छह सीटें मिलने की उम्मीद थी। साथ ही उनके गुट की मांग है कि हमें भी शिंदे गुट के बराबर ही सीटें चाहिए। हालांकि, वे केवल चार सीटों पर ही लड़ रहे हैं। साथ ही कई सर्वे के मुताबिक, बारामती सीट समेत सभी चार सीटों पर उनकी हार की आशंका जताई गई है। नासिक और सातारा पर अजीत पवार गुट ने दावा किया था। हालांकि, बीजेपी के दबाव के चलते उन्हें इन सीटों को छोड़ना पड़ा, जिससे दादा गुट में नाराजगी है। छत्रपति उदयनराजे भोसले ने एनसीपी और एमपी पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद हुए उपचुनाव में उदयनराजे हार गए और एनसीपी उम्मीदवार निर्वाचित हुआ इसलिए इस सीट पर अजीत पवार गुट ने दावा किया था। हालांकि, दबाव के चलते अजीत पवार के गुट ने सातारा की सीट बीजेपी के लिए छोड़ दी और उनके गुट में इसको लेकर नाराजगी है। इसी प्रकार महागठबंधन के दबाव के आगे झुककर गढ़चिरौली और परभणी जैसी सीटें छोड़ने से दादा गुट में नाराजगी बढ़ गई है। उनके गुट में यह भावना बढ़ती जा रही है कि सातारा के साथ-साथ नासिक की सीट लेने में अजीत पवार पीछे रह गए। गुट में सभी पैâसले बिना किसी को सोचे-समझे अजीत पवार, सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल लेते हैं, इसलिए राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कई नेता नाराज हैं।
सीटों की बदली से शिंदे गुट नाराज
चर्चा है कि शिंदे गुट भी सीटों की अदला-बदली से नाखुश है। शिंदे गुट के मंत्री तानाजी सावंत ने अजीत पवार के सामने ही चेतावनी दे दी थी कि अगर हमारी सीटें कम होने लगीं तो हम चुप नहीं बैठेंगे इसलिए ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने सीट बंटवारे में अपना खेल खेला है, इससे अजीत पवार और शिंदे गुट में नाराजगी बढ़ती जा रही है। भाजपा के इस गेम से महागठबंधन में कलह खुलकर सामने आ रही है, जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।