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भाजपा का नारा जय आयाराम!… उद्धव ठाकरे का जोरदार तंज

-गोरेगांव और दिंडोशी में शिवसेना शाखाओं को दी भेंट, उमड़ा जनसागर

सामना संवाददाता / मुंबई

‘जय श्रीराम’ के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का नारा ‘जय आयाराम’ हो गया है, सभी आयारामों के मंदिर बना रहे हैं, क्योंकि उनके हृदय में राम बचे ही नहीं हैं। इस तरह का जोरदार तंज शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज तक शिवसेना की दोस्ती देखी है, अब मशाल की ज्वाला आपकी कुर्सी की तशरीफ को जला डालेगी। इस तरह की चेतावनी भी उन्होंने दी। उद्धव ठाकरे ने कल गोरेगांव और दिंडोशी में शिवसेना शाखा पर मुलाकात देकर शिवसैनिक और नागरिकों से संवाद साधा। इस दौरान वहां पर जनसागर उमड़ पड़ा।

अगर शिवसेनाप्रमुख होते तो गद्दार ठिकाने लग गए होते! – उद्धव ठाकरे
शिवसेना से गद्दारी करने वाले गद्दारों का अच्छा नसीब है कि आज शिवसेनाप्रमुख नहीं हैं, नहीं तो कब के ठिकाने लग जाते। हम थोड़े संयमी हैं फिर भी लड़ेंगे नहीं ऐसा नहीं है, यह कहते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने घातियों की खबर लेते हुए कहा कि गद्दारों और घातियों को दफनाने की ताकत शिवसैनिकों में है। गद्दारों की तुलना में थोड़े ही सैनिक निष्ठावान होते है ऐसा कहते हुए उन्होंने शिवसैनिकों की प्रशंसा की। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल गोरेगांव व दिंडोशी में शिवसेना की शाखाओं में भेंट देने के दौरान ये बातें कहीं।
इस अवसर पर उद्धव ठाकरे ने कोस्टल रोड के एक खंड का उद्घाटन करने के घाती सरकार के पैâसले की आलोचना की। उन्होंने कहा, ये लोग पक्षपाती हैं इसलिए अधूरे कार्यों का उद्घाटन करते हैं। कोस्टल रोड शिवसेना का सपना था, महाविकास अघाड़ी ने कोरोना काल में भी अपना काम किया था, अब सिर्फ श्रेय लेने के लिए उद्घाटन की जल्दबाजी की जा रही है। समृद्धि हाईवे पर हुए गढ्ढों के मामले में भी उद्धव ठाकरे ने भाजपा की अच्छी खबर ली। उन्होंने कहा कि शिवसेनाप्रमुख के नाम पर रखा गया समृद्धि हाईवे पर गढ्ढे पड़ गए हैं। हाईवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। लेकिन एक साल के अंदर ही गड्ढा हो गया, क्या ये मोदी की गारंटी है? आपकी जिंदगी की राह में भी गड्ढे ही गड्ढे होंगे, ये मोदी की गारंटी है, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा। उद्धव ठाकरे ने मनपा में प्रशासक के माध्यम से हो रहे भ्रष्टाचार की भी आलोचना की। नगरपालिका प्रशासकों ने ढाई साल में करीब एक लाख करोड़ के काम स्वीकृत किए। कोरोना के दौरान वह कमिश्नर थे। उनके मुंबई मॉडल की सराहना की गई। अब वे प्रशासक के रूप में भ्रष्टाचारियों का समर्थन कर रहे हैं। एक के बाद एक टेंडर, एक बार आरोप लगाने पर दोबारा टेंडर बुलाया जाता है। इस चोर बाजार का नतीजा हम आने वाले चुनाव में तय करेंगे, ऐसी चेतावनी उद्धव ठाकरे ने दी। इसके साथ ही उन्होंने मनपा के अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि वे लुटेरों के गिरोह में शामिल न हों, हमारी सरकार आने पर उन्हें जेल में भी जाना पड़ सकता है ऐसी चेतावनी भी उद्धव ठाकरे ने दी।
उन्होंने कहा कि शिवसेना से घाती गुट में शामिल हुए रविंद्र वायकर का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे ने कहा कि कई सालों तक शिवसेना में रहने के बाद भी लोगों को शिवसेना की ताकत का पता ही नहीं चल सका है। कोई भी यहां-वहां गया फिर भी शिवसेना की ताकत कम नहीं होगी, एक कंकड़ के यहां से वहां होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। गोरेगांव के कट्टर शिवसैनिक आज भी शिवसेना के साथ हैं। उद्धव ठाकरे के यह कहते ही शिवसेना के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा। दिंडोशी शाखा में पहुंचने के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से संवाद साधा।
मंच पर जलती मशाल और सामने असंख्य शिवसैनिक
इस दौरान मंच पर जलती मशाल और सामने असंख्य शिवसैनिक थे। उसे देखकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मंच पर जलती मशाल और सामने धधकती मशाल है। ये मशाल ही कल देश में तानाशाही, दगाबाजी और लुटेरी प्रवृत्ति को जला डालेगी। इस तरह का हमला उन्होंने इस दौरान किया। उनके यह कहते ही शिवसैनिकों ने जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लगाए। इसे देख उद्धव ठाकरे ने अपील की कि यह आवाज दिल्ली तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों ने एक पैसे की अपेक्षा किए बिना समय-समय पर अपना पैसा खर्च करके शिवसेना को बढ़ाया और पोषित किया। उन्होंने विपक्ष को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने उसी शिवसेना की जड़ों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो शिवसैनिक चुप नहीं बैठेंगे।
आपातकाल के बाद भाजपा का जन्म
आपातकाल के बाद भाजपा का जन्म हुआ। आरएसएस अगले साल सौ वर्ष का हो जाएगा, लेकिन सब कुछ बेकार हो चुका है। केवल शिविर लिए लेकिन कुछ नहीं कर पाए। इसलिए भाजपा को ऊपर से नीचे तक अन्य दलों के लोगों को आयात करना पड़ रहा है। इस तरह का तंज उद्धव ठाकरे ने कसा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अशोक चव्हाण को इसलिए लिया गया क्योंकि भाजपा में कोई नेता नहीं बचा है, कोई आदर्श नहीं है।

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