-यूपी में अब विधानसभा उपचुनाव को लेकर चर्चा तेज
सामना संवाददाता / लखनऊ
लोकसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश में होनेवाले उपचुनावों पर टिकी हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की ८० में से मात्र ३३ सीटें ही जीती हैं, ऐसे में सभी की निगाहें उपचुनावों के लिए बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति पर टिकी हैं।
वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आनेवाले विधानसभा चुनाव में अपने पीडीए के फॉर्मूले से फिर से बीजेपी पटखनी देंगे। एक बार फिर करहल विधानसभा सीट की चर्चा हो रही है। यहां से अखिलेश यादव विधायक थे। उन्होंने साल २०२२ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रोफेसर एसपी बघेल को ६६ हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
लोकसभा चुनाव के बाद अब बारी है उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की। जहां बीजेपी को यूपी की ८० लोकसभा सीटों में से ३३ सीटें ही मिलीं। अब सवाल है कि विधानसभा के उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ का गेम प्लान क्या होगा। क्या योगी ये साबित कर पाएंगे कि उत्तर प्रदेश में उनकी पकड़ अभी भी मजबूत है। २०२४ के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने बीजेपी के सुब्रत पाठक को चुनाव हराया था। फैजाबाद की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर २०२२ से अवधेश प्रसाद विधायक थे। जहां पर उन्होंने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को हराया था, वहीं अब उन्होंने बीजेपी के २ बार के सांसद लल्लू सिंह को भी पटखनी दी है।
हालांकि, वरिष्ठ पत्रकारों का दावा है कि इस बार का उपचुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए नहीं, बल्कि, बीजेपी के लिए काफी कठिन रहने वाला है, चूंकि इस बार योगी आदित्यनाथ का एग्जाम नहीं होगा। क्या इस बार के उपचुनाव में उम्मीदवार योगी से पूछकर दिए जाएंगे। ये इस पर निर्भर करेगा। साथ ही सीएम योगी का क्या रोल रहेगा। इन बातों पर निर्भर करता है योगी पर कितनी चुनौती रहेगी। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव काफी चतुराई से काम कर रहे हैं। ऐसे में उनका पीडीए का फॉर्मूला एक्टिव है और उसके रिजल्ट भी दिख रहे हैं। अगर अखिलेश यादव ऐसे गठबंधन में रहते हैं। गठबंधन के तहत कांग्रेस फॉरवर्ड राजनीति की ओर २ कदम आगे बढ़े। इसके साथ ही अखिलेश यादव एक बड़े वोटबैंक के लिए काम कर रहे हैं। उसका नतीजा विधानसभा में दिखेगा।
वरिष्ठ पत्रकारों का दावा है कि बीजेपी वे ४ सीटें जो सपा के पास हैं, उनको ले पाएगी। बहुत ही मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि सपा ने अपनी जिन सीटों पर विधायक को सांसद का चुनाव लड़ाया। वहां से जीत हासिल की है। ऐसे में फूलपुर सीट पर अखिलेश यादव का करिश्मा काम कर सकता है। फिलहाल, यह देखना तो दिलचस्प रहेगा कि आगामी उपचुनाव में किसका पलड़ा भारी रहनेवाला है।