सामना संवाददाता / मुंबई
उत्तर भारतीयों को लेकर मुंबई में राजनीति चरम पर रहती है। भाजपा को उत्तर भारतीयों व हिंदी भाषियों का वोट तो चाहिए लेकिन हिंदी भाषियों को राजनीति में अवसर नहीं देना चाहती है। भाजपा किसी भी हिंदी भाषी को विधान परिषद में टिकट या किसी प्रमुख पद पर नियुक्त नहीं करना है। हिंदी भाषियों को इस्तेमाल करने की भाजपा की इस नीति को लेकर मुंबई कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने भाजपा पर हमला बोला है।
उत्तर भारतीय समाज विधानसभा
चुनाव में देगा जवाब
शुक्ला ने कहा कि विधान परिषद में ११ सीटें रिक्त हो रही हैं, जिसके लिए आगामी १२ जुलाई को मतदान होना है, लेकिन आश्चर्य है कि इन ११ सीटों में से एक सीट पर भी भाजपा की ओर से एक भी उत्तर भारतीय को मौका नहीं दिया गया है। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा उत्तर भारतीयों को सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है। शुक्ला ने कहा कि कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के लोग यह समझ गए हैं इसलिए उन्होंने भाजपा को लोकसभा में उचित जवाब दिया। अब महाराष्ट्र का उत्तर भारतीय समाज आगामी विधानसभा चुनाव में इसका जवाब देगा।
एक भी हिंदी भाषी को टिकट नहीं
बता दें कि विधान परिषद में महायुति के कोटे में ११ सीटें हैं, जिनमें से ५ पर भाजपा अपना उम्मीदवार उतारेगी, बाकी सीटें उसके सहयोगी दलों के खाते में गई हैं। इन ११ में से भाजपा कोटे में गई विधान परिषद की ५ सीटों में से एक भी उत्तर भारतीय समाज के पाले में नहीं आई है। भाजपा ने ५ उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। इसमें पंकजा मुंडे, सदाभाऊ खोत और परिणय फुके, योगेश टिलेकर, अमित गोरखे के नाम शामिल है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधान परिषद की ११ सीटें २७ जुलाई को खाली हो रही हैं। इन सीटें के उम्मीदवारों के लिए विधानसभा सदस्यों को मतदान करना है।