मुख्यपृष्ठनए समाचारहरियाणा में बुरी तरह हारेगी भाजपा!

हरियाणा में बुरी तरह हारेगी भाजपा!

एमएसपी, अग्निवीर और महंगाई की आग में जल रहा है राज्य
आज होना है राज्य की सभी १० सीटों पर मतदान

सामना संवाददाता / चंडीगढ़

देशभर में चल रहे लोकसभा का चुनाव अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। अब केवल छठे और सातवें चरण के चुनाव होने बाकी हैं। इसी छठे चरण के चुनाव में हरियाणा की सभी १० सीटों के चुनाव होने हैं, लेकिन हरियाणा की राजनीतिक बयार किसान, महंगाई और सेना के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ बह रही है। स्थानीय जानकारों का मानना है कि बीजेपी को लेकर है यहां की जनता के मन में गुस्सा है, जिसका असर लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ दिख सकता है।

बता दें कि ७ मई को तीन निर्दलीय विधायकों सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिससे यह राज्य विधानसभा में बहुमत के निशान से नीचे रह गई। तीनों विधायकों ने घोषणा की कि वे कांग्रेस को अपना समर्थन देंगे। इन तीनों विधायकों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भाजपा सरकार के हिंसक प्रतिशोध के साथ-साथ हरियाणा में शासन के अन्य मुद्दों पर मतदाताओं के बीच नाखुशी की दिख रही है। इस बात से स्पष्ट है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को मजबूत स्थिति में रखता है और राज्य में लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण उलटफेर का संकेत देता है।

वैâथल जिले के पुंडरी से विधायक गोलेन ने कहा कि मैंने भाजपा का समर्थन किया था, क्योंकि उस समय जनता ने मुझसे ऐसा करने को कहा था। लेकिन अब उन्होंने मांग की है कि मैं समर्थन वापस ले लूं, इसलिए मैंने ऐसा किया। गोलेन आगे कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से काफी कुछ बदल गया है। चाहे किसानों का मुद्दा हो या सेना का मुद्दा हो या महिला पहलवानों के साथ हुई ज्यादती। इन सब से भाजपा के लिए लोगों के मन में काफी नाराजगी है। बता दें कि गोलेन रोर समुदाय से आते हैं, जो कि एक अगड़ी जाति है और जिसका राज्य की आबादी में अनुमानित २ से ५ फीसदी हिस्सा है।

वहीं करनाल जिले के नीलोखेड़ी से विधायक गोंदर अनुसूचित जाति से आते हैं, जो हरियाणा की आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है। वे कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जो करनाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, ने करनाल में तीन चुनाव कार्यक्रम आयोजित किए थे। लेकिन उन्होंने गोंडर को इनमें से किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया। मेरे मतदाताओं ने मुझे बताया कि इस मामूली सी बात पर उन्हें अपमानित महसूस हुआ। उन्होंने मुझसे भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए कहा, इसलिए मैंने ऐसा किया।

जबकि चरखी दादरी जिले के दादरी से विधायक सांगवान हरियाणा में सामाजिक-राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली जाट समुदाय से आते हैं, जो हरियाणा की आबादी का पांचवां हिस्सा है। उन्होंने भाजपा को समर्थन न देने का कारण भ्रष्टाचार, निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति सम्मान की कमी, नौकरशाही द्वारा अत्यधिक नियंत्रण और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खराब स्थिति को बताया।

यही नहीं हिसार जिले में जब कुछ लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश उतने पसंद नहीं हैं, लेकिन फिर भी हम उन्हें ही वोट देंगे। जब इसका कारण उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा हमारे युवाओं को रोजगार देने या बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रही है। भाजपा विरोधी यह हवा केवल हिसार में ही नहीं दिख रही है बल्कि हरियाणा के कई जिलों में लोग भाजपा के खिलाफ हो गए हैं।

अन्य समाचार