सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता विनायक राऊत ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारतीय जनता पार्टी, अजीत पवार गुट और शिंदे गुट को ठोकर मारकर बाहर का रास्ता दिखा देगी। उनके इस बयान ने राजनीतिक चर्चाओं को और हवा दी है। क्या महाराष्ट्र में फिर से राजनीतिक भूचाल आने वाला है? इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
पालक मंत्री पद की सूची में जगह नहीं मिलने से शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इस पर विनायक राऊत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महायुति सरकार में सिर्फ भरत गोगावले की ही स्थिति खराब नहीं है, बल्कि एकनाथ शिंदे की भी भविष्य में हालत खराब होने वाली है। उनके इस बयान को एकनाथ शिंदे पर तंज के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पर भी विनायक राऊत ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि नारायण राणे और मराठा समाज का क्या संबंध? मराठा समाज के नेताओं पर टिप्पणी करने वाले राणे खुद को पहले ही राजस्थानी बता चुके हैं। महायुति सरकार ने राज्य में पालक मंत्री पदों की सूची शनिवार को जारी की। हालांकि, इस सूची में महायुति के कुछ मंत्रियों को नजरअंदाज किया गया, जिसमें शिंदे गुट के नेता और मंत्री भरत गोगावले और मंत्री दादा भुसे शामिल हैं।