सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा और आरएसएस में बेचैनी बढ़ गई है। इसे लेकर पहले ऑर्गनाइजर और अब साप्ताहिक विवेक में छपे लेख से स्पष्ट हो गया है। दोनों के पीछे क्या विचारधारा है? इसे तलाशना होगा। इस तरह का बड़ा बयान देते हुए शरद पवार ने एक सुझाव देते हुए कहा कि ‘वे जिस भाव से कह रहे हैं, उसके अनुसार उनकी सोच के तत्व अस्थिर हैं। उन्होंने अजीत पवार की वापसी पर कहा कि पार्टी के सभी साथियों से पूछकर फैसला लेंगे।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कल पुणे में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान शरद पवार ने अजीत पवार और भाजपा समेत महायुति पर निशाना साधा। उन्होंने अजीत पवार गुट के साथ भाजपा के गठबंधन की आलोचना की है। शरद पवार ने कहा कि आयोजक ने लिखा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे अति आत्मविश्वास में डूबी भाजपा के लिए बड़ा सबक है। महाराष्ट्र में अजीत पवार के गठबंधन से भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। साथ ही विवेक के लेख में बताया गया कि चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच तालमेल की कमी के कारण भाजपा को बड़ा झटका लगा। इस पर पत्रकारों ने शरद पवार से सवाल पूछा तो इसके जवाब में शरद पवार ने बेहद विचारोत्तेजक बयान दिया है।
क्या अजीत पवार को लेंगे वापस?
अजीत पवार को पार्टी में वापस लेने के सवाल पर शरद पवार ने कहा कि परिवार के सदस्य के रूप में घर में उनका एक स्थान होता है, लेकिन उन्हें दोबारा शामिल करने का पैâसला मैं अकेले नहीं लूंगा। शरद पवार ने कहा कि मैं अपने उन सभी साथियों से पूछकर पैâसला करूंगा, जो इस संघर्ष के दौरान मजबूती से खड़े रहे।
बहुत बड़ा घोषणापत्र रखिए, ऐसा नहीं कहता
आने वाले विधानसभा चुनावों में हम एक साथ नियोजन करने की योजना बना रहे हैं। मैं यह नहीं कहता कि बहुत बड़ा घोषणापत्र रखिए। मर्यादित, स्पष्ट और लोगों की दृष्टि से उन्हें समझ में आए, ऐसे कुछ विशिष्ट बिंदु लेकर जनता के सामने रखें। एक साथ प्रयास करना चाहिए। लोकसभा चुनावों में हमने एक साथ कोशिश की है। उस समय जो खामियां थी, उसे सही किया जाएगा। हम विधानसभा चुनावों में जाते समय लोगों में आक्रामकता के साथ रखनेवाले सूत्र को लेकर आगे जाएंगे।
हम ये सूत्र लेकर चलेंगे
वर्तमान में मैं महाराष्ट्र में घूम रहा हूं। मुझे लगता है कि लोग बदलाव चाहते हैं। हम तीनों की दृष्टि से अनुकूल हुआ तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि कुछ भी हुआ फिर भी हम पांच वर्षों तक उत्तम तरीके से सरकार चलाकर महाराष्ट्र की जनता को दिखा देंगे। इसमें नेतृत्व का कोई सवाल ही नहीं होगा। मुझे अपने लिए किसी पद की लालसा नहीं है। शरद पवार ने कहा कि सही तरीके से राज्य चलाना चाहिए और लोगों का उस पर विश्वास होना चाहिए।
टेंशन में अजीत!
साथ छोड़ने वालों का सिलसिला जारी…
-पिंपरी-चिंचवड़ के शहर अध्यक्ष समेत कई नगरसेवक राकांपा में शामिल
राजेश जायसवाल / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष (अजीत पवार गुट) की टेंशन बढ़ने लगी है। अजीत पवार का साथ छोड़कर जाने वालों का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में एनसीपी के पिंपरी-चिंचवड़ के शहर प्रमुख अजीत गव्हाणे, छात्र विंग के प्रमुख यश साने, पूर्व नगरसेवक राहुल भोसले और पंकज भालेकर समेत कई पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद पुणे में शरद पवार की मौजूदगी में राष्ट्रवादी (शरदचंद्र पवार) पार्टी में शामिल हो गए, जिसमें कई महिलाओं का भी समावेश है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अजीत पवार का साथ छोड़कर आने वाले सभी नेताओं का एक-एक करके स्वागत किया है। बता दें कि अजीत पवार गुट का बीते लोकसभा चुनाव में जिस तरह का प्रदर्शन रहा, उसे देखते हुए कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर शरद पवार के साथ जाना चाहते हैं। उन्हें लग रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी दादा गुट का प्रदर्शन इसी तरह से रहेगा तो उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं पर पानी फिर जाएगा इसलिए दादा गुट से जुड़े नेता अपने राजनीतिक भविष्य को देखते हुए पाला बदल रहे हैं।