-अग्निवीर योजना को खत्म करने की मांग
-यूसीसी पर भी विचार की जरूरत
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा की दुर्गति हुई है, उससे यही लग रहा है कि भाजपा के दिन लद गए। सरकार बनने से पहले ही मतभेद की खबरें आने लगी हैं। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सरकार गठन पर चर्चा के बीच ‘अग्निवीर’ योजना और ‘यूसीसी’ के साथ चार मुद्दों को उठाकर भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। केसी त्यागी ने कहा कि ‘अग्निवीर’ योजना सहित ‘यूसीसी’ की समीक्षा हो। उनका कहना है कि इस योजना को लेकर मतदाताओं का एक वर्ग नाराज है। हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा हो और उन्हें दूर किया जाए। इस पर विचार करने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की भी मांग उठाई है।
‘अग्निवीर’ योजना पर फिर से विचार हो
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ‘अग्निवीर योजना’ पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस योजना का चुनावों में विरोध हुआ था। इस विरोध का असर चुनाव नतीजों में देखने को मिला। कांग्रेस ने आम चुनाव में ‘अग्निवीर’ को बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने साफ कहा था कि सत्ता में आने के बाद ‘अग्निवीर’ योजना को कूड़े के डिब्बे में डाल देंगे। वहीं ‘अग्निवीर’ योजना में जिन राज्यों में सबसे अधिक भर्ती हुई, उन राज्यों में बीजेपी की सीटें भी कम हुईं। हरियाणा में पार्टी की सीट १० से घटकर ५ पर सिमट गई। इतना ही नहीं, यहां पार्टी का वोट शेयर भी ५८ फीसदी से घटकर ४६ फीसदी हो गया। पंजाब में तो बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। राजस्थान में भी बीजेपी २४ से घटकर १४ ही रह गई।
‘यूसीसी’ को लेकर क्या बोले त्यागी
जेडीयू के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमारा रुख पहले की तरह ही साफ है। सभी स्टेक होल्डर को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। समान नागरिक संहिता पर बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने विधि आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखा था और कहा था कि हम इसके खिलाफ नहीं है। इसके लिए काफी विचार-विमर्श की जरूरत है।