मुख्यपृष्ठसंपादकीयभाजपा का जादू!...धनुषबाण गायब!

भाजपा का जादू!…धनुषबाण गायब!

हम ही असली शिवसेना हैं, ऐसा दावा करनेवाले शिंदे-मिंधे गुट की दुम आखिरकार भाजपा के अजगर ने निगल ली है। घाती गुट में कोई साहस नहीं था। दुम ही हिलती थी। वह दुम भी आखिर खत्म हो गई। अब इस चोर मंडली को पता चल गया है कि वास्तव में भाजपा क्या है। चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष ने बेईमानी से गद्दार गुट को शिवसेना और धनुषबाण सौंप दिया। इससे गद्दारों की खुशी आसमान चूमने लगी। सच तो ये है कि हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख के धनुषबाण को महाराष्ट्र से गायब करने की साजिश भाजपा ने पूरी कर ली, ये अब साफ दिखाई देता है। मूल शिवसेना (मिंधे का घाती गुट नहीं) राज्य के २३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ती थी। यानी आधे से ज्यादा महाराष्ट्र में धनुषबाण का ही बोलबाला था, लेकिन घाती गुट को आधी सीटें भी नहीं मिल रही हैं। जो हैं, उनमें से चार-पांच सीटें निगल कर भाजपा ने उन क्षेत्रों से धनुषबाण को ही गायब कर दिया। सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी-रायगढ़ से भाजपा ने धनुषबाण को गायब कर दिया। ठाणे-कल्याण में भी वो रहेगा या नहीं, इसमें संदेह है। नासिक में भी भाजपा धनुषबाण का खात्मा कर रही है। शिंदे-मिंधे गुट में जो डरपोक सांसद मोहमाया के जाल में फंसकर गए, उनमें से कइयों की उम्मीदवारी दिल्ली में भाजपा आलाकमान ने काट दी। खुद को ‘शिवसेना सिर्फ हमारी’ कहने वाले स्वघोषित सेनापतियों ने धनुषबाण बचाने के लिए विरोध तक नहीं किया। अर्थात विरोध करने के लिए स्वाभिमान और साहस की आवश्यकता होती है, जो उनके पास कौड़ीभर भी नहीं बची है। अब भाजपा की ‘अनाजीपंत’ नीति के खेल पर गौर करें। वर्धा लोकसभा कई वर्षों से कांग्रेस के पास थी। महाविकास आघाड़ी के सीट बंटवारे में वर्धा राष्ट्रवादी कांग्रेस शरदचंद्र पवार के पास आ गई। ऐसे में वहां उनकी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरा। कल देवेंद्र फडणवीस भाजपा उम्मीदवारों का ‘आवेदन’ भरवाने के लिए वर्धा गए और गरज पड़े, ‘हमने कांग्रेसमुक्त वर्धा का नारा दिया था। हम यहां से ‘पंजा’ गायब नहीं कर पाए, लेकिन शरद पवार ने वर्धा से कांग्रेस का ‘पंजा’ गायब करके दिखा दिया। हमारा सपना शरद पवार ने पूरा किया।’ फडणवीस को पंजा की चिंता नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस और अन्य दलों के सारे छक्के और पंजे, सत्ते आदि भाजपा में चले गए हैं। इसलिए भाजपा के खेमे में सिर्फ ‘पंजा’ ही चल रहा है। कमल को केवल पंजे का ही सहारा है। हमारा सवाल सिर्फ इतना है कि पवार ने पंजा के साथ क्या किया, ये बाद में देखेंगे। हिंदूहृदयसम्राट के धनुषबाण को आपने महाराष्ट्र के कई हिस्सों से गायब कर दिया है, पहले उस पर बात करें। चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष ने मक्कारी करके शिवसेना और धनुषबाण चोर मंडली को दे दिया। अब भाजपा चोर पर मोर बनने का काम कर रही है। घाती चोर मंडली को लोकसभा सीटें देते समय ऐसी अवस्था कर दी गई, जैसे कचरे के ढेर पर बैठे कुत्तों के आगे हड्डियां फेंक दी गई हों। घाती के चार सांसदों को भाजपा ने उम्मीदवारी देने से इनकार कर दिया और स्वघोषित सेनापति दुम दबाकर दिल्ली से लौट आए। अब जिन्हें उम्मीदवारी आदि दी जाएगी, उनके निर्वाचित होने की संभावना नहीं है। इस तरह धनुषबाण का ऐतिहासिक प्रतीक महाराष्ट्र के राजनीतिक पटल से हमेशा के लिए हटा दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी का कई वर्षों से यही सपना था और गुज्जू व्यापार मंडल के चरणों में शिवसेना को रखकर घाती ने उस सपने को पूरा कर दिया। इस धनुषबाण और मराठी माणुस के बीच एक भावनात्मक रिश्ता है। क्योंकि महाराष्ट्रद्रोही शक्ति को रोकने के लिए शिवसेनाप्रमुख ने ही इसे महाराष्ट्र को दिया था। आज इसी महाराष्ट्रद्रोही शक्ति ने घाती चोर मंडल की मदद से धनुषबाण को गायब कर दिया और धीरे-धीरे चोर मंडल द्वारा चुराई गई शिवसेना को भी नामशेष कर दिया जाएगा। सूरत-गुवाहाटी में मिंधे महाशय को ‘महाशक्ति’ का अभिनव साक्षात्कार हुआ था। अपने पीछे महाशक्ति है इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है, ऐसा वो बेईमान विधायकों से कह रहे थे। उस महाशक्ति ने एक झटके में चोर मंडल के चार सांसदों को ही उड़ा दिया और फिर धनुषबाण गायब कर दिया। फिर भी चोरों का यह गिरोह महाशक्ति की आराधना कर रहा है। महाशक्ति सच्चे को झूठ और झूठ को सच बना सकती है। कोर्ट ने नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाए, लेकिन जैसे ही राणा ने महाशक्ति की आराधना की और भाजपा में शामिल हुई, कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को सही ठहराया। राणा को सुप्रीम कोर्ट से राहत तो मिल गई, लेकिन उसी समय रामटेक की कांग्रेस उम्मीदवार रश्मी बर्वे के जाति प्रमाणपत्र पर राहत देने से इनकार कर दिया। यह महाशक्ति के तेज का प्रतीक है। यह जो कोई महाशक्ति है और यह झूठे-फरेबी, भ्रष्टाचारियों के पीछे खड़ी है, ठीक वैसे ही जैसे यह मिंधे की चोर मंडली के पीछे खड़ी थी। चोर मंडली को ईडी-सीबीआई से बचाया। भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया, लेकिन बदले में शिवसेना और धनुषबाण के अस्तित्व को ही नष्ट कर दिया। महाराष्ट्र में यह अदृश्य, अघोरी शक्ति आगे बढ़ रही है। पवार ने वर्धा से ‘पंजा’ गायब कर दिया। मोदाr-शाह-फडणवीस ने बालासाहेब का धनुष-बाण गायब कर दिया। इसे जादू ही हो गया कहना होगा!

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