सामना संवाददाता / मुंबई
`राष्ट्रीय समाज पार्टी’ के अध्यक्ष और धनगर समाज के नेता महादेव जानकर ने अब अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। लोकसभा चुनाव में महादेव जानकर को परभणी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रचार के लिए परभणी आए। भले ही महादेव जानकर ने कमल का निशान नहीं लिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उनके प्रचार के लिए सभा ली और जनता से अपने छोटे भाई को लोकसभा भेजने की अपील की थी, लेकिन अब महज तीन महीने में ही महादेव जानकर गंभीर आरोप लगाकर महायुति से अलग हो गए हैं। मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में महादेव जानकर अपने दम पर चुनाव लड़ने की वजह बताई। जानकर ने कहा कि महायुति में हमें दूसरा दर्जा दिया जा रहा था। भाजपा ने रासप के अस्तित्व को स्वीकार नहीं किया। सीट बंटवारे के दौरान हमें बैठक में बुलाने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया गया। महायुति सिर्फ हमारे वोट चाहती है। हमारा इस्तेमाल करो, हमें तोड़ो और फेंक दो, यही भाजपा की नीति है, इस तरह की पोल जानकर ने कमलवंशियों की खोली है। उन्होंने अपने साक्षात्कार में भी कहा कि हमें १२ सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन हमें बताया गया कि आपको सिर्फ तीन-चार सीटें ही जाएंगी।
महादेव जानकर ने आगे कहा कि हमारी पार्टी के नेता राहुल कुल २०१४ के विधानसभा चुनाव में पुणे के दौंड निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। २०१९ में उन्होंने बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा। वे फिर जीत गए इसलिए छोटे दलों का महायुति में टिके रहना मुश्किल है। बीजेपी कभी भी छोटी पार्टियों को आगे बढ़ने में मदद नहीं करती। इसके विपरीत, वे हमारे बीच से जीतने वाले उम्मीदवारों को ले जाते हैं और पार्टी को एकदम कमजोर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रासप पूरे राज्य में अधिकतर संख्या में उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी। हमारा लक्ष्य सत्ता में आना या मंत्री पद पाना नहीं है इसलिए हम अधिक से अधिक वोट पाना चाहते हैं, ताकि हम एक पार्टी के रूप में जीवित रह सकें। हम किंगमेकर की भूमिका में आना चाहते हैं।