भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो सभी पार्टियों के नेताओं को ईडी व अन्य जांच एजेंसियों का डर दिखाकर अपनी पार्टी में शामिल करती है। बीजेपी एक तरह से `ठगबंधन’ करती है, ऐसा आरोप विपक्षी पार्टी वाले लगाते हैं। अब मणिपुर में भड़की हिंसा के बीच बीजेपी सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है। एनपीपी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापस लेने का एलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम एन बीरेन सिंह हिंसा को रोकने में नाकाम रहे हैं। राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को वह नजरअंदाज नहीं कर सकते।
एनपीपी ने दावा किया कि सीएम बीरेन सिंह का शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। एनपीपी ने जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है, कई निर्दोष लोगों की जान गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुजर रहे हैं। एनपीपी ने पत्र में कहा, ‘हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है। हम वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा करते हैं।
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की। उन्होंने मणिपुर में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति अस्थिर बनी हुई है।