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भाजपा की ‘उदय’ फील्डिंग … शिंदे साइडलाइन! …बीजेपी के जाल में फड़फड़ा रहे एकनाथ  …अचानक मुंबई छोड़ भागे गांव

रामदिनेश यादव / धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
पालकमंत्री पद के बंटवारे के बाद से ही महायुति में असंतोष स्पष्ट तौर पर झलक रहा है। साथ ही भाजपा की कूटनीति के आगे शिंदे गुट का कुनबा भी बिखरता हुए नजर आने लगा है। सूत्रों के मुताबिक सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के वर्चस्व को खत्म करने के लिए महायुति में नए ‘उदय’ के लिए फील्डिंग लगानी शुरू कर दी है। इसी के तहत मंत्रिमंडल और पालकमंत्रियों की सूची में शिंदे गुट में शामिल उन्हीं मंत्रियों को मौका दिया है, जो मंत्री उदय सामंत के करीबी हैं। इसमें एकनाथ शिंदे की एक नहीं सुनी गई। भाजपा की इस चाणक्य नीति से एकनाथ शिंदे भी नाराज हो गए हैं। इसी नाराजगी के चलते वे अपने पैतृक गांव चले गए यानी भाग गए हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के उद्योग को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्योगमंत्री उदय सामंत दावोस के दौरे पर गए हैं, जहां दोनों की बैठकें चल रही हैं। राज्य में भले ही इस समय राजनीतिक घमासान मचा हुआ है, लेकिन उदय सामंत के साथ में होने से फडणवीस बेफिक्र हैं। दूसरी तरफ उदय के टूटने की खबर से परेशान शिंदे को पसीना आ रहा है। वे हताश होकर अपने गांव जाकर एकांत में बैठ गए हैं। हालांकि, उन्होंने दूसरी बैठकों का हवाला देकर इन नाराजगी की अटकलों को नकार दिया है। सूत्रों के अनुसार, शिंदे की नाराजगी को देखते हुए भाजपा के दो वरिष्ठ नेता, प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी गिरीश महाजन उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

रायगड, नासिक की नियुक्ति स्थगित
भाजपा से शिंदे नाराज?

रायगड के पालकमंत्री का पद अदिती तटकरे को मिलने के बाद घाती गुट के मंत्री भरत गोगावले ने नाराजगी जाहिर की थी। इसी तरह नासिक के पालकमंत्री पद पर गिरीश महाजन की नियुक्ति के बाद दादा भुसे के समर्थक नाराज हो गए थे, इसलिए महायुति में जारी घमासान सड़कों पर पहुंच गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी करते हुए रायगड और नासिक के पालकमंत्री की नियुक्ति को स्थगिति दे दी थी।
सरकार गठन के दौरान भी शिंदे दिसंबर में विभागों के बंटवारे, वैâबिनेट में पदों की संख्या समेत अन्य ब्यौरों पर चर्चा के लिए फडणवीस और अजीत पवार के साथ निर्धारित बैठक रद्द करने के बाद अचानक अपने पैतृक गांव की दो दिवसीय यात्रा पर चले गए थे। माना जा रहा है कि पैतृक गांव की अचानक यात्रा शिंदे के असंतोष का प्रमाण है, क्योंकि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के बाद गृह विभाग देने से भी इनकार कर दिया था। अब एक बार फिर उन्होंने नाराजगी दर्शाने के लिए अपने गांव की ओर रुख किया है।
इसलिए गांव जाने का
दिया जा रहा हवाला
दोनों जिलों को लेकर महायुति में जारी घमासान और भाजपा की कुटिल चाल से नाराज होकर एकनाथ शिंदे अचानक मुंबई छोड़कर अपने पैतृक गांव पहुंच गए हैं। हालांकि, नाराजगी को दबाने के लिए हवाला दिया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे अपने व्यक्तिगत कारणों के चलते चार दिनों के लिए गांव गए हुए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने तंज कसते हुए कहा कि नाराजगी दिखाकर झोली में कुछ डलवाने की कोशिश चल रही है। मौजूदा राजनीति में एकनाथ शिंदे की स्थिति बहुत की विकट है। उन्होंने कहा कि आज एकनाथ शिंदे की जरूरत खत्म हो चुकी है, इसलिए उन्हें दरकिनार करने के लिए इस तरह का माहौल पैदा किया जा रहा है। हमेशा की तरह एक बार फिर से भाजपा एकनाथ शिंदे को खत्म करके नया उदय लाएगी।

एकनाथ शिंदे ने स्पष्टीकरण दिया है कि कुछ लोग कहते हैं कि मेरा गांव में आने का मतलब गुस्सा होता है, लेकिन मैं इस जिले को बदलने और इसे पर्यटन के रूप में विकसित करने के कार्यों की समीक्षा करने के लिए दरे गांव आया हूं। रायगड और नासिक के पालकमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि भरत गोगावले ने कई वर्षों तक रायगड के लिए काम किया है। ऐसे में इस पर उम्मीद करने का क्या मतलब है?

एकनाथ के करीबियों का कटा पत्ता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नासिक और रायगड जिले के पालकमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ़ महायुति में शामिल भाजपा और शिंदे गुट में विवाद की तस्वीर साफ दिखाई देने लगी है। रायगड और नासिक के पालकमंत्री पद की मांग घाती गुट के भरत गोगावले और दादा भूसे कर रहे थे। हालांकि, शनिवार रात को पालकमंत्री की सूची की घोषणा कर दी गई। इस सूची में पैतरेबाजी करते हुए शिंदे गुट के दोनों मंत्रियों का पत्ता काटकर भाजपा ने रायगड़ के पालकमंत्री का पद दादा गुट की अदिती तटकरे, जबकि नासिक के पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी भाजपा के गिरीश महाजन को सौंप दी।

बावनकुले ने स्पष्ट कर दिया है कि वे मुलाकात करने नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है कि मैं एकनाथ शिंदे से मिलने जाऊंगा। जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र लौटेंगे तो हम रायगड और नासिक के पालकमंत्री पद को लेकर कोई रास्ता निकालेंगे। फिलहाल, मुख्यमंत्री आउट ऑफ इंडिया हैं। इस वजह से निर्णय नहीं लिया जा सका है।

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