२९ अप्रैल को राकांपा नेता की चीनी मिल को किया जप्त
भाजपा में शामिल होते ही कल कार्रवाई रोकने का निर्देश
सामना संवाददाता / मुंबई
प्रदेश में भाजपा अपने मकसद के लिए ईडी-सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का जमकर दुरुपयोग कर रही है। सोलापुर के माढ़ा में मविआ प्रत्याशी के समर्थक और तेजी से प्रचार में उतरे एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता अभिजीत पाटील की अध्यक्षता वाले विट्ठल शुगर पैâक्ट्री को गत २९ अप्रैल को जप्त कर लिया गया। आश्चर्य की बात है कि पाटील ने जैसे ही भाजपा को सपोर्ट किया तो भाजपा की वॉशिंग मशीन ने सिर्फ छह दिनों में उनके भ्रष्टाचार के दाग धो दिए।
बता दें कि पाटील के खिलाफ यह कार्रवाई राज्य सहकारी बैंक की ओर से की गई। पर भाजपा में जाते ही वे साफ हो गए। उनकी शुगर फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश वापस ले लिए गए। २९ अप्रैल को कार्रवाई की गई और ४ मई को पाटील का भाजपा को समर्थन की घोषणा के बाद कार्रवाई रोक दी गई है। बता दें लोकसभा का बिगुल बजने के बाद अभिजीत पाटील ने महाविकास आघाड़ी का प्रचार जोर-शोर से शुरू कर दिया। लेकिन पाटील ने पिछले महीने जैसे ही महाविकास आघाड़ी का प्रचार किया, उनकी चीनी मिल पर नियमों की अनदेखी कर कार्रवाई करते हुए जप्त कर लिया गया। दो दिन पहले उन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया और ४ मई को जप्ती की कार्रवाई वापस ले ली गई। भाजपा अपने फायदे के लिए केंद्र की एजेंसियों के साथ-साथ राज्य के संस्थानों का भी जमकर उपयोग कर रही है। इस घटना से एक बार फिर एजेंसियों का दुरुपयोग का मामला सामने आया है। सोलापुर जिले में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के युवा नेता और श्री विट्ठल शुगर पैâक्ट्री के अध्यक्ष अभिजीत पाटील के चीनी मिल को राज्य सहकारी बैंक ने जप्त किया था। बैंक ने कहा कि यह कार्रवाई बैंक से लिए गए कर्ज के बकाया होने के कारण की थी। हालांकि, मिल के सदस्यों में यह भावना थी कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की गई है। बता दें श्री विट्ठल शुगर पैâक्ट्री के ३० हजार सदस्य हैं। यदि प्रत्येक सदस्य के परिवार की बात करें तो हर घर में तीन लोग रहते हैं तो करीब एक लाख मतदाता इस मिल से जुड़े हैं। इस मिल के वोटर परंपरागत रूप से कांग्रेस और एनसीपी से जुड़े हैं।