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लालच में बीमारी छिपाते हैं रक्तदाता… गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग!.. लालच देने वालों को एसबीटीसी की चेतावनी

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई  

‘स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसलिंग’ (एसबीटीसी) ने ब्लड बैंकों और ब्लड सेंटरों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ब्लड वैंâपों की जानकारी देने के लिए होर्डिंग और बैनरों पर किसी भी तरह का उपहार देने का लालच न दिखाएं। ऐसा करते पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब तक आरोप लगते रहे हैं कि इस तरह के वैंâपों में गिफ्ट देने का लालच देकर दाताओं की भीड़ इकट्ठा की जाती है। दरअसल, ऐसी स्थिति में कई दाता अपनी गंभीर बीमारी भी छिपा लेते हैं, जो कि खतरनाक होता है। संक्रामक खून चढ़ाने पर मरीज को गंभीर बीमारी हो सकती है। इसे देखते हुए काउंसिल ने इस तरह का पैâसला लिया है। उल्लेखनीय है कि सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, मंडलों द्वारा जन्मदिन और स्मृति दिवस के साथ ही कुछ विशेष अवसरों पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। शिविरों में रक्तदान के लिए ब्लड बैक और रक्त केंद्रों से संपर्क किया जाता है। इन रक्तदान शिविरों को बढ़ावा देने और रक्त दाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए बैग, कूपन, छोटे मोबाइल, ब्लूटूथ हेडसेट, ब्लूटूथ स्पीकर, रसोई के बर्तन, क्रॉकरी सेट, घड़ियां, पेन, थर्मस बोतल आदि जैसे उपहार वितरित किए जाते हैं। इससे रक्तदान की संख्या बढ़ती है। साथ ही रक्त का भंडार बढ़ जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि कोई रक्तदाता स्वच्छ रक्त, प्लाज्मा या सेलुलर घटक दान करता है तो उसे उपहार देना उचित नहीं है। हालांकि, नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है और उपहार खुले तौर पर दिए जाते हैं। ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की ओर से इस संबंध में बार-बार निर्देश दिए जाने के कारण उपहार दिए जा रहे हैं।
इस बीच एक बार फिर से नया सर्वुâलर जारी किया गया है। इस सर्वुâलर के मुताबिक, ब्लड सेंटर्स और ब्लड बैक को रक्तदान शिविर आयोजित करने वाली संबंधित संस्थाओं को पत्र लिखकर देना होगा कि वे शिविर से पहले उपहार नहीं देंगे। यदि किसी संस्था द्वारा उपहार दिया जाता है तो ब्लड सेंटर, ब्लड बैक को जिम्मेदार माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

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