डंपिंग ग्राउंड के प्रदूषण से गंभीर बीमारियों के शिकार
सामना संवाददाता / मुंबई
देवनार डंपिंग ग्राउंड के कारण शिवाजीनगर, गोवंडी और मानखुर्द इलाकों में रहने वाले नागरिकों का जीवन नरक जैसा हो गया है। डंपिंग ग्राउंड के कचरे से आने वाली दुर्गंध और प्रदूषण के चलते यहां के लोग अस्थमा, त्वचा रोग, आंखों में जलन और श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। वहीं बिजली उत्पादन परियोजना और धारावी पुनर्वास योजना के कारण नागरिक सुविधाओं पर और ज्यादा दबाव पड़ने की संभावना है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने अब बिजली उत्पादन परियोजना और धारावी वासियों के लिए पुनर्वसन परियोजना का विरोध किया है।
स्थानीय लोगों की समस्याएं हैं कि डंपिंग ग्राउंड से निकलने वाली बदबू और प्रदूषण ने उनकी सेहत को बुरी तरह प्रभावित किया है। संतोष परमार ने बताया कि बिजली उत्पादन परियोजना से होने वाला प्रदूषण स्वास्थ्य पर और अधिक नकारात्मक असर डाल सकता है। यहां पहले से ही पीने के पानी की भारी किल्लत, सार्वजनिक शौचालयों की बहुत कम संख्या, जगह-जगह गंदगी और खुले नाले हैं। अब देवनार क्षेत्र में बिजली उत्पादन परियोजना के लिए ३० फुट चौड़ी डीपी रोड को प्रस्तावित किया गया है। साथ ही धारावी पुनर्वास के लिए १२४ एकड़ भूमि अडानी कंपनी को सौंपी गई है। नागरिकों का कहना है कि इन परियोजनाओं से सुविधाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां बिजली उत्पादन परियोजना को बंद किया जाए। धारावी पुनर्वास योजना को इस क्षेत्र में न लाया जाए। नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। यहां एक पूरी तरह सुसज्जित अस्पताल बनाया जाए और अस्पताल में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त किए जाएं।