-अवैध मलबे को नहीं लगा पाई थी ठिकाने
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र सरकार द्वारा नए निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, २०२५ जारी किया गया है। ऐसे में मनपा मुंबई में उत्पन्न होने वाले निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट की ट्रैकिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की योजना बना रही है। इसके लिए एक नया एप्लिकेशन लॉन्च किया जाएगा, जो मलबे की उत्पत्ति से लेकर अनुमोदित डंपिंग स्थल तक की यात्रा को ट्रेस करेगा।
मनपा के मुताबिक, अवैध कंस्ट्रक्शन डंपिंग को रोकने के उद्देश्य से यह एप्लिकेशन इस महीने विकसित किए जाने की संभावना है। इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने पर्यावरण (निर्माण और विध्वंस) अपशिष्ट प्रबंधन नियम, २०२५ अधिसूचित किया है। ये नियम निर्माण, विध्वंस, पुनर्निर्माण, नवीनीकरण और मरम्मत से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए मानदंड निर्धारित वâरते हैं।
ये नियम १ अप्रैल २०२५ से लागू किए गए हैं। इनमें थोक कंस्ट्रक्शन मलबा व अपशिष्ट उत्पादकों को प्रत्येक परियोजना के लिए एक योजना तैयार करने को कहा गया है, जिसमें निर्माण, पुनर्निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाले मलबे की मात्रा का आकलन किया जाएगा और स्थानीय प्राधिकरण को अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा। नियमों के अनुसार, डेवलपर को अपने मलबे जिसमें उनके निर्माण स्थल पर उत्पन्न होने वाले अपेक्षित मलबे का विवरण होता है, मनपा के विकास योजना विभाग के पास जमा करना होता है, जो इसे अनुमोदित करता है। इसके बाद एजेंसियों को अनुमोदित मलबे के निस्तारण के लिए साइट आवंटित की जाती है। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, मनपा इस बात को ट्रेस करने में चुनौतियों का सामना कर रही है कि क्या अनुमोदित मात्रा में उत्पन्न मलबा वास्तव में आवंटित स्थल पर डंप किया जा रहा है या नहीं, क्योंकि कई लोग निम्न भूमि क्षेत्रों और संरक्षित क्षेत्रों जैसे कि मैंग्रोव्ज में अवैध डंपिंग का सहारा ले रहे हैं। इस समस्या को हल करने के लिए मनपा एक नया एप्लिकेशन विकसित कर रही है, जो उत्पन्न होने वाले कुल मलबे की मात्रा को ट्रैक करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि मलबा अनुमोदित डंपिंग साइट पर ही डंप किया गया है या नहीं।
मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि डेवलपर या कोई भी संबंधित एजेंसी जिसे निर्माण कार्य की अनुमति दी जाती है, उन्हें उनके अपशिष्ट प्रबंधन योजना को स्वीकृति मिलने के बाद एक क्यूआर कोड जारी किया जाता है। एप्लिकेशन लॉन्च होने के बाद मलबा उत्पादक इस क्यूआर कोड को स्वैâन कर सकेंगे। ऐप पर उन्हें कुल लक्षित मलबा डंपिंग साइट और मलबा ले जाने वाले वाहन का नंबर जैसी जानकारियां देनी होंगी। उन्हें एक निर्धारित समयसीमा दी जाएगी, उदाहरण के लिए दो घंटे, जिसके भीतर उन्हें मलबा निर्दिष्ट स्थल पर डंप करना होगा। यदि समय में देरी होती है तो उन्हें कारण बताना होगा। अनुमोदनों, मार्गों आदि की सारी जानकारी मनपा की फाइलों में सुरक्षित रहेगी। अधिकारी के अनुसार एप्लिकेशन विकास के अंतिम चरण में है और अगले दो हफ्तों में लॉन्च होने की संभावना है।