सामना संवाददाता / भायंदर
मीरा-भायंदर की बहुचर्चित बीएसयूपी योजना और मनपा की अन्य परियोजनाओं में फर्जी लाभार्थियों को शामिल कर बड़े घोटाले किए जाने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले की जांच और सत्यापन के लिए लाभार्थियों के दस्तावेजों की जांच पड़ताल का निर्णय लिया गया था। अब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मनपा प्रशासन ने हाल ही में एक स्वतंत्र संस्था की नियुक्ति की है। हालांकि, यह कार्रवाई करीब डेढ़ साल की देरी के बाद की गई है, जिससे अब विभिन्न योजनाओं में शामिल बोगस लाभार्थी रडार पर आ गए हैं।
२००९ में काशीमीरा के जनता नगर और काशी चर्च क्षेत्र में लगभग ४,००० झोपड़पट्टी निवासियों के पुनर्वास के लिए बीएसयूपी योजना लागू की गई थी। लेकिन जब यह परियोजना आधे रास्ते में थी, तब केंद्र सरकार ने इसे बंद कर दिया। इसके बाद मीरा-भायंदर मनपा ने अपने स्तर पर इस रुकी हुई योजना को पूरा करने का निर्णय लिया। हालांकि, शुरुआत से ही इस योजना में फर्जी लाभार्थियों को शामिल किए जाने के आरोप लगते रहे हैं।
२०१९ में एक व्यक्ति के साथ बीएसयूपी योजना के तहत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठगी का मामला सामने आया, जिसके बाद इस योजना में बड़े स्तर पर घोटाले की संभावना प्रबल हो गई। इसके अलावा, सड़क चौड़ीकरण और अन्य परियोजनाओं के प्रभावितों के पुनर्वास में भी फर्जीवाड़े के आरोप लगे। इसे देखते हुए एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया, जिसने सभी लाभार्थियों के दस्तावेजों के पुन: सत्यापन का सुझाव दिया। हालांकि, सत्यापन प्रक्रिया के लिए संस्था की नियुक्ति में डेढ़ साल से अधिक की देरी हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ राजनेताओं और मनपा अधिकारियों के फंसने की आशंका के चलते इस प्रक्रिया को जानबूझकर टालने की कोशिश की गई। अब, ‘टेक्नो लैंड इंजीनियर्स एंड सर्वेयर्स’ नामक संस्था को दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कार्य के लिए संस्था को २० लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।
मनपा द्वारा नियुक्त संस्था बीएसयूपी, रेंटल योजना और अन्य सभी परियोजनाओं में पात्र लाभार्थियों के दस्तावेजों की विस्तृत जांच करेगी। इसके तहत लाभार्थियों की जानकारी और तस्वीरें एकत्र की जाएंगी। मनपा के शहर अभियंता दीपक खांबित के अनुसार, संस्था को कार्यादेश जारी होते ही एक महीने के भीतर सर्वेक्षण शुरू हो जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस जांच के बाद कितने फर्जी लाभार्थी बेनकाब होते हैं और मनपा प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है।