मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
उत्तर प्रदेश के लोग पहले फिल्मों की शूटिंग देखने मुंबई जाया करते थे, आज मुंबई के लोग उत्तर प्रदेश में फिल्मों, सीरियलों की शूटिंग करने आने लगे हैं। यह बदलाव एकाएक नहीं हुआ, इसके लिए उत्तर प्रदेश में फिल्मों के निर्माण में फिल्म बंधु द्वारा की गयी सुगमता से आकर्षित होकर बॉलीवुड के लोग तेजी से यूपी का रुख कर लिए हैं। योगी सरकार की सिंगल विंडो सिस्टम ने बॉलीवुड को आकर्षित करने से दो भाजपा शासित राज्य आमने-सामने खड़े हो गए हैं। एक राज्य से बॉलीवुड के लोगों का मोह भंग हो रहा है, तो दूसरे राज्य में उनका विस्वास बढ़ रहा है। सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की नीतियों को कोई दोष देने से बॉलीवुड के लोग कतराते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का खुलकर गुणगान करते नहीं थकते। कारण जो भी हो, लेकिन महाराष्ट्र के विकास का बहुत बड़ा आर्थिक हिस्सा उत्तर प्रदेश में आ रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विफलता कहें या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशलता। इन दिनों निर्माता एस अजय सिंह अपनी नई फिल्म की शूटिंग के लिए लखनऊ आए हुए हैं। उनका मानना है कि पिछले कुछ वर्षों के अंदर यूपी में बहुत बदलाव आया है, जिसके कारण स्थितियां बहुत बदली हैं। सिंह ने लखनऊ प्रवास के दौरान `दोपहर का सामना’ से विस्तार से बात किया। उन्होंने कहा कि यूपी में पहले फिल्म बनाने, शूटिंग करने को लेकर सब कुछ इतना आसान नहीं था या तो शूटिंग में बहुत डिले होता था या खर्चे होते थे। आज फिल्म बंधु में पहले तो सब्सिडी हमको अच्छी मिलती है, लोकेशन के लिए हम लोग एक जगह अप्लाई करते हैं, बिल्कुल टाइमली हो जाता है सब कुछ। मतलब सब कुछ तुरंत ओके हो जाता है, जो फ्री शूटिंग है वह यूपी में बहुत अच्छा है। मुंबई में हम लोग लोकेशन रिपीट करते हैं, यूपी में इतने नये-नये लोकेशन मिलते हैं कि कोई लोकेशन रिपीट नहीं करना पड़ता। ऐसी चीजें मिलती हैं, जिसके लिए हमको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अब मुंबई यहीं हो गया।
यूपी में फिल्मों का बजट कम पड़ता है, क्योंकि लेबर कास्ट यहां बहुत सस्ता है। यहां पर अपने लोग हैं। जल्द ही डिफेंस के विषय को लेकर देवगन के साथ काम करने की कोशिश चल रही है। उनको लेकर हम लखनऊ में फिल्म की शूटिंग करने की तैयारी में हैं। अजय देवगन को लखनऊ बहुत पसंद है। पहले भी दो महीने रह कर उन्होंने यहां शूटिंग की है। यहां जो फिल्म सिटी बना कर उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत बड़ी लाइन खींच दिया। फिल्में यहां बनाना आसान हो गया है। यहां स्टूडियो हो गया है। शूटिंग के दौरान हमको रोज सौ-दो सौ लेबर लगते हैं। पहले की अपेक्षा सुरक्षा में भी बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं सुनता हूं कि पहले फिल्मों में ब्लैक मनी बहुत खपत हो जाता था, जो अब संभव नहीं है। यूपी में चीजें पहले से बहुत बेहतर हुई हैं, इसलिये हम लोग यहां आए हैं। फिल्म सिटी जो एनसीआर में बना यह कहीं मध्य में होना चाहिए था।
लखनऊ के आस-पास होता तो बिहार से भी निकट रहता। यूपी के गाजीपुर जिले के मूल निवासी सिंह का कहना है कि पहले यूपी में मोबाइल चार्ज करने के लिए बिजली का इंतजार करना पड़ता था, अब बिजली आपूर्ति और सड़कें दोनों बहुत अच्छी हो गयी हैं। मैं यहां चलने के लिए एक लक्जरी गाड़ी लिया हूं, सड़कों की दुर्दशा के चलते पहले नहीं ले सकता था। उन्होंने कहा कि अब मन कहता है कि मैं मुंबई की अपेक्षा लखनऊ रहूं। यहां बहुत कुछ सम्मान के साथ लोगों के सहयोग से मुफ्त हो जाता है। उसके लिए मुंबई में बिना पैसे दिए नहीं हो सकता। सिंह ने स्वयं किसी की निंदा नहीं की, लेकिन यूपी की इतनी प्रशंसा कर दिया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम के सामने देवेंद्र फडणवीस का काम बौना हो गया। योगी ने किसी को बिना नुकसान किए बड़ी लाइन खींची है।