मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिपुस्तक लोकार्पण सह कृति चर्चा कार्यक्रम संपन्न

पुस्तक लोकार्पण सह कृति चर्चा कार्यक्रम संपन्न

सामना संवाददाता / मुंबई

गत संध्या देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं लेखिका खुशबू बरनवाल ‘सीपी’ द्वारा लिखित दो एकल काव्य संग्रह सीपी मुक्तावली तथा कविताओं की खुशबू पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं वाराणसी के युवा कवि राजीव नन्दन मिश्र के मंगलाचरण से हुआ। देशना खुशराज बरनवाल द्वारा गणेश वंदना व नृत्य प्रस्तुत की गयी। सरस्वती वंदना सूरज श्रीवास्तव एवं मंच संचालन अनुराधा अनु ने किया। कार्यक्रम का आयोजन रांंची के रौनक बैंक्वेट हॉल, हवाई नगर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने किया। उन्होंने पुस्तक के लिए शुभकामना देते हुए कहा कि कविता व कहानी लिखना आसान नहीं है वो भी एक महिला के लिए, जिसके कन्धे पर परिवार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी होती है। मुख्य अतिथि एवं पुस्तक के प्रकाशनीय सहयोगकर्ता बैंक ऑफ़ इंडिया राजभाषा आंचलिक कार्यालय कोलकाता के निरंजन कुमार बरनवाल ने कहा कि इस पुस्तक को श्रेणियों में बांटा गया है, जो पाठकों के लिए सुलभता दिखाता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरिंदर कौर नीलम ने कविताओं की खुशबू से मैं गीत लिखूं का सुंदर पाठ किया।
विशिष्ट अतिथि राजश्री जयंती ने कहा कि दोनों पुस्तकों में विशिष्टता यह है कि ये पुस्तकें जीवन के कई पहलुओं को समेटे हुए हैं। विशिष्ट अतिथि सारिका भूषण ने कहा कि यह कवयित्री की ताकत है, जिस कारण इतने साहित्यकार, दर्शक एवं श्रोता उपस्थित हुए हैं। विशिष्ट अतिथि कुंदन चौधरी ने अपनी शुभकामना देते हुए निरन्तर पथ गतिमान की कामना की।
अतिविशिष्ट अतिथि पूनम रानी तिवारी ने कहा जैसा कि पुस्तक का नाम है एवं स्वयं कवयित्री भी हैं, उसकी खुशबू पुस्तक में लिखित कविताओं से निकल रही है। अतिथि चांंदनी कुमारी पुस्तकों को अद्वितीय बताईं। वाराणसी से आए युवा कवि एवं लेखक राजीव नंदन मिश्र ने कहा कि आज का दिवस किसी त्योहार से कम नहीं है। मिश्र ने पुस्तक में लिखित मां पूरी सृष्टि है का शानदार पाठ किया, जिससे पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।
लेखिका ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि पुस्तक में कविताओं को अलग-अलग श्रेणियों में श्रेणीबद्ध की हूं, जैसे-आराधना, प्रेरणादायी व्यक्तित्व, मेरी लेखनी, नारी संवेदना, प्रकृति, हास्य व व्यंग्य, बचपन आदि। कविता लिखते समय मैं समाज को करीब से महसूस की एवं समाज में व्याप्त तमाम मुख्य विषयों को लिखने की प्रयास की हूं। पुस्तक कविताओं की खुशबू को उन्होंने अपने ससुरजी स्व. श्याम नन्दन प्रसाद एवं सीपी मुक्तावली अपने मामाजी स्व. बलराम प्रसाद को समर्पित बताया।
सीपी ने झारखंड के राज्यपाल महामहिम सी.पी. राधा कृष्णन जी का भी आभार जताया, जिन्होंने इन पुस्तकों की प्रशंसा करते हुए इस पुस्तक को जनमानस के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक बताया। कार्यक्रम में रियांशी खुशराज, राहुल प्रसाद, आकृति, पंकज कुमार, लक्ष्मण प्रसाद, आशा देवी, सुरभि, रंजना वर्मा, मधुमिता साहा, सीमा कुमार, ऋषित कुमार, पूर्वी और भूमिज कुमार आदि उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक रजनीश बरनवाल ने किया।

 

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