अनिल मिश्र / पटना
बिहार प्रदेश के सुपौल जिले के मरौना प्रखंड क्षेत्र के बेलही पंचायत वार्ड नंबर तीन में दोनों भाइयों की एक साथ मृत्यु होने से पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। छोटा भाई सेवानिवृत्त प्रधान व शिक्षक फुलेश्वर साह (90) बीमार थे, जब उनकी अंतिम सांस चल रही थी तो उनसे पहले बड़े भाई भुवनेश्वर साह (100) का निधन हो गया। उसके बाद दोनों भाई की अर्थी एक साथ निकली। इस संबंध में बताया जाता है कि दोनों भाई के पूरे जीवन में कभी भी वाद-विवाद तक नहीं हुआ है।
इह घटना लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि ईश्वर की लीला भी अपरंपार है। इनकी लीला को कोई नहीं जान सकता है। छोटा भाई बीमार था तो बड़ा भाई बोला कि तुम मुझसे छोटा है, तुम मुझसे इस दुनिया को नहीं छोड़ सकते। बड़ा मैं हूं, तुमसे पहले इस दुनिया को छोड़ूंगा। उनका कहना सत्य साबित हुआ। जब बीमार छोटा भाई और सेवानिवृत प्रधान व शिक्षक फुलेश्वर साह की अंतिम सांस चल रही थी, उससे पहले बड़ा भाई भुवनेश्वर साह इस दुनिया को छोड़ चल बसे। एक साथ दोनों भाई की अर्थी आंगन से श्मशान घाट के लिए निकली और एक साथ दो चिताओं पर इनके मृत शरीर राख में तब्दील हो गया।
इस संबंध में बताया जाता है कि छोटा भाई सेवानिवृत प्रधान व शिक्षक फुलेश्वर साह प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण के लिए अपने ही वॉर्ड तीन में अनुसूचित जाति टोले में साढ़े तीन कट्टा जमीन दान में दिए थे। दोनों भाई के पूरे जीवन में कभी भी किसी प्रकार का वाद-विवाद तक नहीं हुआ। वहीं दोनों भाई की एक साथ मौत होने से इस क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।