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नत‘मस्क’ मोदी! …टेस्ला के लिए लॉबिंग …मस्क को रुचि नहीं

-निवेश नीति में बदलाव का ऑफर
सामना संवाददाता / मुंबई
अमेरिकी यात्रा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेस्ला वाले एलन मस्क के सामने नतमस्तक नजर आ रहे हैं। जिस मस्क की लाख लॉबिंग के बावजूद टेस्ला कार की एंट्री हिंदुस्थान में नहीं हो पा रही थी, अब सीन कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा है। अब मोदी टेस्ला के लिए लॉबिंग करते महसूस हो रहे हैं।
यह तो आपको याद ही होगा कि मस्क कई महीने पहले नई दिल्ली आकर मोदी से मिल गए थे। मगर तब मस्क की मुराद पूरी नहीं हुई थी और उन्होंने हिंदुस्थान को छोड़कर चीन का रुख कर लिया था। मगर ट्रंप के लौटते ही अब सीन बदल गया है। मोदी की अमेरिकी यात्रा में ट्रंप से पहले मस्क ने मोदी से मुलाकात की थी। जानकारों ने तभी महसूस कर लिया था कि अब टेस्ला की इंडिया में एंट्री हो जाएगी।

टेस्ला के लिए जमीन हो रही है तैयार!
निवेश नीति में हो सकता है बदलाव

एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की इंडिया में एंट्री फिक्स हो गई है। मस्क ने यहां कर्मचारियों की भर्ती भी शुरू कर दी है। अब खबर है कि सरकार ‘ईवी’ (इलेक्ट्रिक वाहन) की नीति में बदलाव करनेवाली है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार पिछले साल घोषित ‘ईवी’ (इलेक्ट्रिक वाहन) पॉलिसी के तहत ग्लोबल कंपनियों को आसानी से निवेश पात्रता मानदंडों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए नीति में बदलाव करने के मूड में है। इसके साथ ही वह चार्जिंग इंप्रâास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाने में किए गए निवेश को भी शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वर्तमान पॉलिसी के तहत, विदेशी कंपनियों को इंडिया में मैन्युपैâक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए तीन साल में ५०० मिलियन डॉलर का निवेश करना जरूरी था। इसके बदले में उन्हें देश में ईवी के आयात पर रियायती कस्टम ड्यूटी का लाभ मिलने वाला था।
मार्च २०२४ में घोषित इस पॉलिसी को हिंदुस्थान में ईवी को आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखा गया था। यह पॉलिसी ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों को लुभाने में असफल रही, जिसके बाद भारी उद्योग मंत्रालय ने उद्योग जगत के हितधारकों के साथ नए सिरे से चर्चा शुरू की है।
कई उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि ईवी प्लांट में पहले से किए गए निवेश को भी इस पॉलिसी के तहत शामिल किया जाना चाहिए।

मौजूदा नियम पहले से निवेश कर चुकी कंपनियों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं, जबकि वे कंपनियां, जिन्होंने भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अब तक कोई निवेश नहीं किया, उन्हें लाभ मिल रहा है।

 

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