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वायु प्रदूषण से ब्रेन स्ट्रोक … हर चार मिनट में हो रही एक की मौत

– हिंदुस्थान में ४० सेकेंड में मिल रहा एक केस
– ताजा अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
सामना संवाददाता / मुंबई
हवा कितनी स्वच्छ है और हमारी सेहत के लिए कितनी स्वास्थ्यवर्धक इसका अनुमान हर कोई आसानी से नहीं लगा पाता है। ताजा अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण को ब्रेन स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। इसके साथ ही इस दिमागी बीमारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसे लेकर रिसर्च में बताया गया है कि किस तरह के वायु प्रदूषण के चलते बीमारियां बढ़ती है। वहीं हिंदुस्थान में भी ४० सेकेंड के अंतराल में ब्रेन स्ट्रोक का एक मामला सामने आ रहा है, जबकि हर चार मिनट में एक मरीज की मौत हो रही है।
मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ की एक स्टडी में वायु प्रदूषण को लेकर चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान के समान ही वायु प्रदूषण ब्रेन स्ट्रोक के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसमें पाया गया कि हवा में मौजूद छोटे ठोस और तरल कण ब्रेन के लिए हानिकारक हैं, जिसका जोखिम धूम्रपान के बराबर है। भारत, अमेरिका, न्यूजीलैंड, ब्राजील और यूएई के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला कि वायु प्रदूषण ने धूम्रपान के समान इस गंभीर स्ट्रोक के कारण होने वाली मृत्यु और विकलांगता की दर में १४ प्रतिशत का योगदान दिया है। वायु प्रदूषण, उच्च तापमान के साथ-साथ मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के कारण पिछले तीन दशकों में स्ट्रोक के वैश्विक मामलों और मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है। साल २०२१ में दुनिया भर में नए स्ट्रोक से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर एक करोड़ से अधिक हो गई है।
हर साल १.८५ लाख सामने आते हैं केस
हिंदुस्थान में प्रतिवर्ष लगभग १,८५,००० स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं, जिसमें से हर ४० सेकेंड में एक स्ट्रोक और हर ४ मिनट में स्ट्रोक से एक मौत होती है। इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद भी देश के कई अस्‍पतालों में आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी होती है।

२३ जोखिम फैक्टरों की हुई पहचान
अध्ययन में पाया गया है कि साल २०२१ में स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार २३ जोखिम पैâक्टरों की पहचान की गई है। इसमें स्ट्रोक के लिए पांच प्रमुख वैश्विक जोखिम कारण सामने आए हैं, जिसमें हाई सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर, पार्टिकुलेट मैटर वायु प्रदूषण, धूम्रपान, हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और घरेलू वायु प्रदूषण शामिल हैं। वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य मीट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान में मुख्य शोध वैज्ञानिक तथा सह-लेखक डॉ. वैâथरीन ओ. जॉनसन ने कहा कि स्ट्रोक के मुख्य कारणों की ८४ प्रतिशत वजह २३ परिवर्तनीय जोखिम हैं। इसलिए नई पीढ़ी के लिए स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के कई अवसर हैं।

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