नवीन सी. चतुर्वेदी
कोउ त्यौहार, दिवस, जयंती आदि आये नाँय कि इंटरव्यू’न की लैन लग जावै। आर्टिफिसियल इंटेलीजेन्स की कृपा सों ये इंटरव्यू जन-जन तक पहुँच हू जामें हैं। ‘पर उपदेस कुसल बहुतेरे’ कौ मरम समझवे वारे तौ ऐसे वीडियो’न कों स्किड कर देमें, परंतु बिचारे भोरे भामरे लोग न केवल इन वीडियो’न कों देखें, बल्कि अनुसरण हू करनों चाहें।
घुटरूमल जानें कौन सौ वीडियो देख आये कि इंटरव्यू दैवे कों मचल बैठे हैं। अब तुम्हें का बतामें साब? लोग आजकल पढनों नाँय केवल पढानों चाहें। सुननों नाँय केवल सुनानों चाहें। देखनों नाँय केवल दिखानों चाहें। भयंकर बीमारी है। कोउ इलाज हू अभी तौ नाँय ही दीख रयौ। घुटरूमल हमारे बिसेस प्रेमी हैं तो इनकी मदद करवौ हमारौ फर्ज बनै।
हमनें समझाई आप चिंता मत करौ। जैसें खायवे वारे कों केवल सब्जी के स्वाद सों मतलब होवै वैसें ही स्रोता, पाठक या दर्शक कों हु प्रस्तुत करी गई सामग्री सों ही मतलब होवै है। फिर वौ काहु नें हु बनायी होय। असली मेहनत करवे वारे मेहनत करते रहें और फायदा उठायवे वारे फायदा उठाते रहें। आप हु ऐसौ ही करौ।
ऐसौ करौ जा विषय पै इंटरव्यू दैनों है पहलें वा कौ माहौल बनवाऔ और लोग’न में सर फुटव्वल होमन देउ। तुम अपनों काम करते रहौ। फिर वा विषय सों संबंधित वेद पुराण’न की कछ पंक्ति’न कौ रट्टा मार लेउ, द्वै चार गीता, भागवत, महाभारत आदि के श्लोक’न कों कंठस्थ कर लेउ, कछू एक विदेशी कवि या लेखक’न के वक्तव्य जीभ पै विराजमान कर लेउ, लोकभाषा के कछू एक मुहावरे वा विषय सों जुड़ें या न जुड़ें परंतु आप जोड़ लेउ, अड़ोस-पड़ोस के देस’न के साहित्यकार’न के कछू संदर्भ या स्मृति’न कौ बघार यानि तड़का लगाय लेउ, द्वै चार नवोदित बालक-बालिका’न के काम’न कौ हु उल्लेख कर लेउ, भेस-भूसा और बोल बच्चन के मास्टर तौ तुम हौ ही, बस है गयौ इंटरव्यू तैयार।
द्वै बात और एक तौ यै कि सवाल जो पूछे जाने हैं, विनकी सूची आप ही कों तैयार कर कें दैनी है, ताकि पब्लिक में भद्द न पिट जाय और दूसरी बात यै कि ऊपर बताए भए सिगरे नुस्खा आप कों म्हों जबानी याद है जाने चैंयें, ताकि जब आप बोलौ तौ लोग’न कों लगै वा साब वा क्या ज्ञानी व्यक्ति है।
लोग’न कों तौ केवल सब्जी के स्वाद सों मतलब है और बढ़िया सों बढ़िया सब्जी बनाय कें दैवे वारे उ भरे पड़े हैं। आप तौ बस पैसा फेंको और तमासा देखो। जय राम जी की।