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बेस्ट बसों पर लगा ब्रेक! …अचानक शुरू हुई हड़ताल… यात्रियों की बढ़ी मुसीबत

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में कल एक बार फिर बेस्ट की बसों पर ब्रेक लग गया। ठेका कर्मियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से बेस्ट बस सेवाओं का परिचालन प्रभावित हुआ। वेट लीज कंपनी के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कल सुबह से सायन प्रतीक्षानगर और धारावी बस डिपो पर अचानक हड़ताल पर चले गए, इससे विभिन्न बस स्टॉपों पर सैकड़ों की संख्या में यात्री प्रतीक्षारत दिखे। बसों के न आने से उनकी मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दीं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई महीनों से बेस्ट उपक्रम के तहत किराए पर ली गई बसों के कर्मचारी और संबंधित ठेकेदार विभिन्न आर्थिक व्यवहारों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे। बेस्ट की मातेश्वरी कंपनी के किराए पर बसें चलाने वाले चालकों और वाहकों ने सोमवार को बसें बंद कर दीं। इस वजह से धारावी और प्रतीक्षानगर डिपो में बस सेवाएं प्रभावित हुर्इं।
बेस्ट के बेड़े में ९९३ स्वामित्व वाली और १,९०० लीज वाली बसें हैं, यानी बेस्ट की कुल २,८९३ बसें चलती हैं। लागत और घाटे को कम करने के लिए बेस्ट द्वारा लीज पर बसें लेकर चलाई जा रही हैं। छह बस आपूर्तिकर्ता कंपनियां बेस्ट को लीज पर बसें उपलब्ध कराती हैं।
बेस्ट के अपने ७ हजार २१२ ड्राइवर और ७ हजार ४२३ कंडक्टर हैं, जबकि ६ हजार ५५३ ड्राइवर और २ हजार ३४० कंडक्टर ठेके पर काम कर रहे हैं।
इस हड़ताल का कारण एक गर्भवती महिला कंडक्टर के साथ किया गया अपमानजनक व्यवहार है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक गर्भवती महिला बस कंडक्टर ने अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में होने की वजह से कंपनी मैनेजर से कम दबाव वाली ड्यूटी देने की गुजारिश की, लेकिन मैनेजर ने इनकार कर दिया और कथित तौर पर महिला का अपमान किया। इससे अन्य कर्मचारी नाराज हो गए और विरोध में अचानक हड़ताल पर चले गए।
मातेश्वरी कंपनी के कर्मचारियों ने लाखों यात्रियों को परेशान करने का काम किया है। मेरा आग्रह है कि फिलहाल बेस्ट उपक्रम के कर्मचारी छुट्टियां लिए बिना ओवरटाइम काम करें, ताकि यात्री ठीक से यात्रा कर सकें। इसके अलावा, प्रशासन को यथाशीघ्र ४,००० निजी बसों को अपने बेड़े में शामिल करना चाहिए।
– सुहास सामंत, अध्यक्ष, बेस्ट कामगार सेना

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