मुख्यपृष्ठस्तंभतड़का : कविता श्रीवास्तव

तड़का : कविता श्रीवास्तव

गर्व का सैल्यूट
इस फादर्स-डे पर एक खबर बहुत वायरल हुई। खबर यह थी कि तेलंगाना के एक आईपीएस अधिकारी एन वेंकटेश्वरलु की पुलिस अकादमी में उनकी ही बेटी उमा हरिथि आईएएस अधिकारी बनकर पहुंचीं। अपनी बेटी के आईएएस बनने की खुशी और पुलिस अधिकारी के रूप में खुद ही उसकी अगवानी करने की ड्यूटी पर गर्व से फूले पिता ने अपनी बेटी को शानदार सलामी दी। पुलिस अधिकारी के रूप में पूरी सेवा के दौरान अनेक लोगों की सलामी ले चुके और अनेक लोगों को सलामी दे चुके वेंकटेश्वरलु के लिए यह सलामी उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जाएगी। क्योंकि कोई भी पिता यही चाहता है कि उसकी संतान उससे भी ऊंचे दर्जे का पद हासिल करे। हर माता-पिता या अभिभावक यही चाहते हैं कि उनकी आने वाली पीढ़ी उनके वर्तमान दर्जे से और भी ऊंचे दर्जे का मान-सम्मान प्राप्त करें। यही जीवन की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा होती है। कुछ अर्से पहले आंध्र प्रदेश के एक सर्किल इंस्पेक्टर श्याम सुंदर और उनकी बेटी जे. सी. प्रशांति की तस्वीर भी वायरल हुई थी। पिता अपनी बेटी को गर्व और सम्मान के साथ सलाम करते हुए नजर आ रहे थे। उनकी बेटी पुलिस उपाधीक्षक बन गई थीं। इसी तरह आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया था, जिसमें मलकानगिरि के डीसीपी उमामहेश्वर सरमा अपने एसपी सिंधु सर्मा को अपनी ड्यूटी के दौरान सैल्यूट कर रहे थे, जो उनकी बेटी थी। इसी तरह सीकर जिले की एक बेटी ने अपनी मां को सलामी देकर नाम रोशन किया। पारुल धायल नामक युवती भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बनी तो सबसे पहले उसने अपनी मां सरोज धायल को सैल्यूट किया, जो पुलिस में इंस्पेक्टर थीं। इंडो-तिब्‍बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने भी अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक खबर शेयर की थी। उसमें महिला पुलिस अफसर अपने डीआईजी पिता को सैल्‍यूट करती दिखी थी। पिता ने उसकी सलामी स्‍वीकारी और उसे भी प्रतिक्रिया के रूप में सलाम किया। इस तरह की खबरों से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और लोगों को कुछ कर दिखाने की जबरदस्त प्रेरणा मिलती है। वर्षों पहले दूरदर्शन पर एक बार संगीतकार आरडी बर्मन अपना साक्षात्कार दे रहे थे। उन्होंने उसमें बताया कि उनके पिता और महान संगीतकार सचिनदेव बर्मन उन्हें बार-बार कहते थे कि कुछ बढ़िया काम करो, कुछ नाम रोशन करो। एक बार उनके पिता मुंबई के जुहू समुद्र तट पर टहल रहे थे तो किसी ने कहा ये साहब आरडी बर्मन के पिता हैं। तब उन्होंने घर पहुंचकर अपने बेटे आरडी बर्मन को खूब सराहा और कहा कि तुम सफल हो गए हो। अब लोकप्रिय संगीतकार बन गए हो। इसी तरह अपने बेटे-बेटी व संतानों की सफलता हर माता-पिता को संतुष्टि देती है। क्योंकि यह सुनिश्चित हो जाता है कि बच्चों का भविष्य सुरक्षित है। आने वाली पीढ़ी के आगे बढ़ने का रास्ता बन गया है और उनका अपना बुढ़ापा भी सुरक्षित है।

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